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25 वर्ष की मैथिली ठाकुर: एक शो से कितनी कमाई और क्या कर सकती हैं बिहार विधानसभा चुनाव में धाँव

25 वर्ष की मैथिली ठाकुर

25 वर्ष की मैथिली ठाकुर

25 वर्ष की मैथिली ठाकुर: एक शो से कितनी कमाई और क्या कर सकती हैं बिहार विधानसभा चुनाव में धाँव

25 वर्ष की मैथिली ठाकुर लोकगायिका मैथिली ठाकुर 25 की उम्र में चर्चाओं में हैं — एक शो का मानधन सुनकर लोग हैरान हैं। साथ ही वो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा में आई हैं। जानिए उनकी कमाई, राजनीतिक संभावनाएँ और आगे की राह।

25 वर्ष की मैथिली ठाकुर

एक शो से कितनी कमाई करती हैं मैथिली ठाकुर?

मैथिली ठाकुर की कमाई को लेकर सटीक आंकड़ा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और बुकिंग आधारित सूत्रों से आकलन किया जाता है कि एक कार्यक्रम (live show / stage concert) के लिए उनके मानधन की चर्चा “लगभग १० लाख रुपये” की जाती है। (कुछ स्रोतों में यह दावा किया गया है)

वहीं, उनकी YouTube चैनल और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से होने वाली कमाई भी एक महत्वपूर्ण आय स्रोत है। उनके YouTube चैनल पर अनुमानित मासिक आय $10,000 से लेकर $227,500 (लगभग ₹8–20 लाख या उससे अधिक) के बीच बताई जाती है।

ब्रांड कोलैबोरेशन या प्रमोशनल पोस्ट के लिए भी कंपनियाँ उनसे फीस मांगती हैं — रिपोर्ट्स में बताया गया है कि

इस तरह, उनके पास शो मानधन, डिजिटल प्लेटफॉर्म की आमदनी और ब्रांड प्रमोशन से आय के कई स्तंभ हैं।

क्या मैथिली ठाकुर लड़ सकती हैं बिहार विधानसभा चुनाव?

इस समय मीडिया में यह चर्चा तेज़ है कि मैथिली ठाकुर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उतर सकती हैं। उन्होंने भाजपा के नेताओं विनोद तावड़े और नित्यानंद राय से मुलाकात की है — जिससे यह अटकलें और मजबूत हो गई हैं।

मैथिली ने मीडिया से कहा है कि उन्होंने इन चर्चाओं को देखा है और कहा है कि उनका “गाँव से जुड़ाव” है। अगर उन्हें टिकट मिले, तो वह अपने गाँव की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगी। हालाँकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि उन्होंने टिकट स्वीकार कर लिया है या पार्टी में शामिल हो गई हैं।

वहीं चुनाव आयोग ने उन्हें पहले ही बिहार की राज्य आइकन (State Icon) के रूप में नामित किया है, जो जनता में मतदाता जागरुकता बढ़ाने का काम करती है। यह उनकी सामाजिक छवि और राजनीतिक संभावनाओं को बढ़ाता है। इसलिए, यदि राजनीतिक दल उन्हें स्वीकारें और उन्हें उपयुक्त टिकट दें, तो उनके पास विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है — पहले चरण में अपनी लोकप्रियता, फ़ॉलोइंग और जनसमर्थन वह काम में ले सकती हैं।

25 वर्ष की उपलब्धियाँ और राजनीतिक संभावनाएँ

मैथिली ठाकुर का नाम आज सोशल मीडिया और मीडिया चर्चा में इस वजह से है कि उनकी गायकी ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई है, और अब वे राजनीति की ओर झुकाव दिखा रही हैं। 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने लोकगीत, भक्ति गीत, क्लासिकल तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत मजबूत पहचान बनाई है।

सबसे पहले, उनकी कमाई: एक लाइव कार्यक्रम का मानधन अक्सर मीडिया रिपोर्टों में लगभग ₹10 लाख बताया गया है, हालांकि यह संख्या अप्रमाणित हो सकती है। YouTube और अन्य डिजिटल माध्यमों पर उनकी आय भी मिलती है — अनुमान है कि उनकी मासिक YouTube आमदनी $10,000 से $227,500 तक हो सकती है, जो भारतीय रुपये में लाखों होती है।

ब्रांड संबंधित पोस्ट और कोलैबोरेशन में भी उन्हें अच्छी फीस मिलती है: शॉर्ट वीडियो के लिए ₹1-1.2 लाख, डेडिकेटेड वीडियो ₹3.5-4 लाख और इंटीग्रेटेड वीडियो ₹1.5-2 लाख तक की चर्चा होती है। ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि मैथिली सिर्फ गायिका नहीं बल्कि एक ब्रांड हैं — जिनकी साख, पहुँच और लोकप्रियता उन्हें कमाई के विविध मार्ग देती है।

इसी बीच, चुनाव की चर्चा उनके जीवन में नया मोड़ ला रही है। बिहार 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मैथिली ठाकур राजनीति में कदम रख सकती हैं।

25 वर्ष की मैथिली ठाकुर

उनकी भाजपा नेताओं से मुलाकात और बातचीत ने यह संकेत दिया है कि पार्टी उन्हें मान सकती है। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें टिकट मिला, तो वे अपने गाँव की विधानसभा सीट से लड़ना चाहेंगी। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है।

उनकी सामाजिक छवि को ध्यान में रखना होगा: चुनाव आयोग ने उन्हें राज्य आइकन नामित किया है, जो मतदाता जागरुकता गतिविधियों को बढ़ावा देती है। इस भूमिका से उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में पहचान मिली है और यह संकेत देती है कि जनसमर्थन तय करना उनका मजबूत बिंदु हो सकता है।

यदि मैथिली चुनाव लड़ती हैं, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना होगा — राजनीतिक जमीन तैयार करना, लोक समर्थन जुटाना, संसाधन प्रबंधन करना और पार्टी संगठन के बीच अपने प्रभाव को स्थापित करना। लेकिन उनकी युवा ऊर्जा, लोकप्रियता और सामाजिक साख उन्हें बढ़त दे सकती है। उनकी कहानी यह बताती है कि कला और लोकप्रियता राजनीति में कैसे पुल बना सकती है। अभी यह कहना मुश्किल है कि वे चुनाव लड़ेंगी या नहीं — लेकिन संभावना और चर्चा काफी मजबूत है।



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