Nirjala Ekadashi 2025

Nirjala Ekadashi 2025 आज, करें श्री विष्णु की पूजा

Dharma

Nirjala Ekadashi 2025 आज, करें श्री विष्णु की पूजा। आज, 6 जून 2025 (शुक्रवार), निर्जला एकादशी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आता है और सभी 24 एकादशियों में सबसे पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन बिना जल के उपवास रखा जाता है, जिससे इसे ‘निर्जला’ एकादशी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना गया है जो वर्षभर की सभी एकादशियों का पालन नहीं कर पाते। मान्यता है कि इस एक उपवास से पूरे वर्ष के एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होता है।

Nirjala Ekadashi 2025
Nirjala Ekadashi 2025

पूजा विधि (Puja Vidhi) Nirjala Ekadashi 2025

  1. प्रातः स्नान और संकल्प: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। यदि संभव हो तो गंगाजल का प्रयोग करें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा:
    • भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाट पर स्थापित करें।
    • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें।
    • चंदन, पुष्प, फल, तुलसी पत्र, धूप और दीप अर्पित करें।
    • शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
  3. मंत्र जाप:
    • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
    • विष्णु सहस्रनाम और श्रीकृष्ण महामंत्र का पाठ करें।
  4. उपवास नियम:
    • इस दिन पूर्ण उपवास रखें, जिसमें जल का भी त्याग किया जाता है।
    • यदि स्वास्थ्य कारणों से यह संभव न हो, तो फलाहार या जलाहार व्रत रखा जा सकता है।
  5. रात्रि जागरण:
    • रात्रि में भगवान विष्णु के भजन, कीर्तन और ध्यान में लीन रहें।
    • यदि संभव हो तो मंदिर में जाकर भगवान विष्णु का दर्शन करें।
  6. दान-पुण्य:
    • व्रत के दिन अन्न, वस्त्र, जल से भरे घड़े, छाता आदि का दान करें।
    • यह दान ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को देना शुभ माना जाता है।

पारण समय (Parana Time)

  • सामान्य पारण: 7 जून 2025 को दोपहर 1:44 बजे से 4:31 बजे के बीच।
  • वैष्णव पारण: 8 जून 2025 को प्रातः 5:23 बजे से 7:17 बजे के बीच।

व्रत कथा (Vrat Katha)

महाभारत के अनुसार, भीमसेन को उपवास करना कठिन लगता था। उन्होंने महर्षि व्यास से इसका समाधान पूछा। व्यास जी ने उन्हें निर्जला एकादशी का व्रत करने की सलाह दी, जिससे उन्हें सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त हुआ।

इस व्रत के पालन से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति, दीर्घायु, स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए उत्तम है जो सभी एकादशियों का पालन नहीं कर पाते।

भगवान विष्णु की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो। निर्जला एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं!

Nirjala Ekadashi 2025 : कब है निर्जला एकादशी व्रत ?

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