Malaysia Model Molest

Malaysia Model Molest मलेशिया के मरिअम्मन मंदिर में मॉडल के साथ मोलेस्ट

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Malaysia Model Molest मलेशिया के मरिअम्मन मंदिर में मॉडल के साथ मोलेस्ट

Malaysia Model Molest घटना का विवरण क्या है?

  • पीड़िता: लिशालिनी कनारन (Lishalliny Kanaran), जो 2021 में मिस ग्रैंड मलेशिया का खिताब जीत चुकीं हैं, उन्होंने एक मंदिर में पुजारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
  • घटना कब और कहाँ हुई? 21 जून को सेपंग (Sepang), मलेशिया में स्थित मरिअम्मन मंदिर में यह घटना हुई।
  • कैसे हुआ? पुजारी ने “विशेष आशीर्वाद” देने के बहाने पवित्र जल और सुरक्षात्मक धागा (protection thread) का दावा करके उन्हें निजी कमरे में बुलाया। कमरे में उन्होंने अत्यधिक गंध वाला “भारत से लाया हुआ” पानी छिड़क कर उनकी आँखें जलाईं। शोक स्थिति में फ्रीज होने के बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि पुजारी ने उनके ब्लाउज और ब्रा के अंदर हाथ डाल कर छूआ।
  • पीड़िता की प्रतिक्रिया: उन्होंने बताया, “My brain knew everything about that moment was wrong … I couldn’t move. I couldn’t speak. I froze.”
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Malaysia Model Molest पुलिस की कार्रवाई

  • Sepang जिला पुलिस ने आरोपी पुजारी की तलाश शुरू कर दी है – एस.354 (भारत के IPC के ‘outrage of modesty’ के समकक्ष) के तहत मामला दर्ज। प्राथमिकी के बाद आरोपी फरार हो गया और पुलिस ने व्यापक मैनहंट जारी रखी है ।

Malaysia Model Molest कानूनी और सामाजिक प्रभाव

  • IPC सेक्शन 354 के तहत दोष सिद्ध होने पर आरोपी को 10 वर्ष तक की सजा, जुर्माना और कोड़े की सजा हो सकती है। पीड़िता पर कथित रूप से अभियोजन अधिकारी द्वारा चुप रहने की धमकी दी गई – उनका कहना है, “If you do, it will be your fault and you’ll be blamed.”। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा, धार्मिक स्थलों में जवाबदेही और धार्मिक पदों पर भरोसेमंद व्यक्तियों की नैतिक प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए हैं।
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अगली संभावित कार्यवाही

प्रक्रियाविवरण
पुलिस जांचआरोपी पुजारी की गिरफ्तारी और गहन पूछताछ
कोर्ट प्रक्रियाIPC 354 के तहत आरोप तय, सबूत पेश, न्यायिक सुनवाई
मंदिर प्रशासनआचरण संभावित रूप से धार्मिक संस्थाओं के लिए नियम सख्त करेगा
सामाजिक विमर्शधार्मिक स्थलों में महिलाओं की सुरक्षा, पवित्रता की रक्षा

आपका क्या कदम हो सकता है?

  • पीड़िता का समर्थन: वह सार्वजनिक तौर पर सामने आई हैं—इस साहस को देखते हुए उन्हें सहयोग और मानसिक समर्थन उपलब्ध करना महत्वपूर्ण है।
  • सचेतता बढ़ाएँ: मंदिरों व धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाई जा सकती है।
  • संभावित रिपोर्टिंग: यदि आप ऐसा हालात देखते हैं, पुलिस या temple management को तुरंत सूचित करें।

लिशालिनी कनारन का मामला केवल व्यक्तिगत उत्पीड़न नहीं, बल्कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और नैतिकता का मुद्दा भी है। इसमें आरोपी की खोज, पीड़िता की रक्षा और मंदिरों में पारदर्शिता-बर्दाश्त की आवश्यकता शामिल है। अगर आप इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई, मंदिर प्रशासन के दृष्टिकोण या अन्य मंदिरों में सुरक्षा नीतियों के बारे में जानना चाहें, तो मैं विस्तार से बता सकता हूँ।



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