Sawan 2025 Om Shivay : सावन में चढ़ाइए ये विशेष फुल और कुंडली में से करो सारी मुश्केली दूर
Sawan 2025 Om Shivay : सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस पावन माह में भोलेनाथ को कुछ खास चीजें चढ़ाने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। ऐसे में अगर आप शिवजी को नीला अपराजिता फूल अर्पित करते हैं, तो इससे आपकी कुंडली के ग्रह दोष दूर हो सकते हैं और जीवन में सफलता के मार्ग खुल सकते हैं।
“अपराजिता” शब्द का अर्थ ही होता है – जिसे हराया न जा सके। इसलिए इसके किसी भी रूप को शुभता, शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है।
सावन का पावन महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत खास और शुभ माना जाता है। इस पूरे महीने में श्रद्धालु अपने-अपने तरीके से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। कोई कांवड़ यात्रा के जरिए दूर-दराज से गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करता है, तो कोई अपने नजदीकी मंदिर जाकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में जुटा रहता है। इस माह का हर दिन भक्तों के लिए शिव आराधना और आस्था का प्रतीक बन जाता है।
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। इन्हीं में एक खास उपाय है— भगवान शिव को अपराजिता का नीला फूल अर्पित करना। शास्त्रों में इसे बहुत ही शुभ और प्रभावशाली बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस फूल को शिवलिंग पर चढ़ाने से व्यक्ति को जीवन में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता और उसे विजय और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कहा जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों की सच्ची भक्ति और श्रद्धा से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। उन्हें भव्य वस्तुओं या विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती। यदि कोई व्यक्ति सच्चे दिल से प्रेम और भक्ति भाव से शिवजी की पूजा करे, तो एक साधारण सा फूल भी उनकी कृपा पाने के लिए पर्याप्त हो जाता है। उनका आशीर्वाद सरलता से पाया जा सकता है— बस भक्ति सच्ची होनी चाहिए।
Sawan 2025 Om Shivay : नीला अपराजिता फूल का महत्व
- नीला अपराजिता फूल का रंग और आकार दोनों ही विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं।
- शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर इस फूल को अर्पित करने से व्यक्ति को जीवन में अजेय (अपराजित) रहने का आशीर्वाद मिलता है।
- यह फूल बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करने में सहायक माना जाता है।
कुंडली दोष दूर करने में कैसे मददगार है?
- राहु-केतु, शनि या चंद्रमा से जुड़े दोष अगर आपकी कुंडली में हैं, तो नीला अपराजिता फूल शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ माना गया है।
- नियमित रूप से सावन में सोमवार के दिन या प्रदोष व्रत पर यह फूल अर्पित करने से ग्रहों की प्रतिकूलता कम हो सकती है।
- कालसर्प दोष और पितृ दोष जैसी बाधाओं से राहत मिलने की भी मान्यता है।
कैसे चढ़ाएं नीला अपराजिता फूल?

- स्नान कर शुद्ध होकर शिवलिंग पर जल, दूध या गंगाजल अर्पित करें।
- फिर नीला अपराजिता फूल भोलेनाथ को अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- अंत में अपनी मनोकामना बताकर प्रार्थना करें।
क्या मिलेगा वरदान?
- शत्रुओं पर विजय
- मानसिक शांति
- ग्रह दोषों से मुक्ति
- करियर में सफलता
- आध्यात्मिक उन्नति
मान्यता है की स्कंद पुराण और शिव महापुराण में भी नीला अपराजिता फूल को शुभ माना गया है। इसलिए सावन में इस फूल का महत्व और बढ़ जाता है।
अपराजिता फूल (Aparajita Flower) मुख्य रूप से दो प्रकार के पाए जाते हैं, जो उनके रंग के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं:
🌸 1️⃣ नीला अपराजिता (Blue Aparajita)

- सबसे अधिक प्रचलित और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाला प्रकार है।
- भगवान शिव, दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं को चढ़ाने के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।
- आयुर्वेद में भी इसे औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
🌸 2️⃣ सफेद अपराजिता (White Aparajita)

- यह कम सामान्य होती है, लेकिन यह भी पवित्र मानी जाती है।
- धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत-पूजन और औषधीय प्रयोगों में सफेद अपराजिता का भी महत्व है।
- सफेद रंग इसे शांति और पवित्रता का प्रतीक बनाता है।
📌 मुख्य अंतर:
प्रकार | रंग | धार्मिक महत्व |
---|---|---|
नीला अपराजिता | गहरा नीला | शिव व देवी पूजा में खास |
सफेद अपराजिता | सफेद | शांति और पवित्रता का प्रतीक |
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सावन अमावस्या 2025 (Sawan Amavasya) कब है, कौन मनता है? आइये जानते है इसका महत्व…
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