Chauth Mata Mandir: इस करवा चौथ पर पति की लंबी आयु के लिए जाए सवाई का प्रसिद्ध मंदिर
सवाई माधोपुर का प्रसिद्ध Chauth Mata Mandir: पति की लंबी आयु और मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित चौथ माता का मंदिर अपनी आस्था, मान्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ महिलाएं करवा चौथ और अन्य व्रतों के अवसर पर पति की लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना के लिए दर्शन करने आती हैं।
राजस्थान की धरती पर आस्था और परंपरा का संगम देखने को मिलता है। इन्हीं में से एक प्रमुख आस्था स्थल है — चौथ माता का मंदिर, जो सवाई माधोपुर जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूर, एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक बन चुका है।
मंदिर का इतिहास है पुराना
कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना लगभग 500 साल पहले राजा भीमसिंह द्वारा की गई थी। माना जाता है कि राजा को माता चौथ का स्वप्न आया था और माता ने उन्हें आदेश दिया था कि वे इस स्थान पर उनका भव्य मंदिर बनवाएं। तब से यह स्थान “चौथ का बरवाड़ा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

खास मौके पर लगता है मेला
यह मंदिर खासतौर पर करवा चौथ व्रत के दौरान अत्यधिक प्रसिद्ध रहता है। इस दिन महिलाएं दूर-दूर से यहां आती हैं और अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशियों के लिए माता की पूजा करती हैं। मंदिर के चारों ओर मेले जैसा माहौल रहता है — घंटों की लंबी कतारें, भक्ति गीत, आरती और दीपों की रोशनी से मंदिर का वातावरण अद्भुत हो उठता है।
चौथ माता, जिन्हें देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है, अपने भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं — ऐसा विश्वास है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल व्रती महिलाएं होती हैं, बल्कि परिवार समेत लोग माता के दर्शन कर जीवन में सुख-शांति की कामना करते हैं।

मंदिर का निर्माण राजस्थानी स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण है। ऊँचाई पर बने इस मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को सैकड़ों सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन माता के प्रति श्रद्धा इतनी गहरी होती है कि लोग बिना थके चढ़ाई पूरी करते हैं। रास्ते में भक्त “जय चौथ माता की!” के जयकारे लगाते हैं।

मंदिर परिसर से सवाई माधोपुर का प्राकृतिक दृश्य अत्यंत सुंदर दिखाई देता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पहाड़ियों से दिखाई देने वाला नज़ारा भक्तों के मन को मोह लेता है।
यहाँ प्रतिवर्ष करवा चौथ, महाशिवरात्रि, श्रावण मास और नवरात्रि के दौरान विशेष आयोजन किए जाते हैं। इन अवसरों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुँचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता चौथ से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
चौथ माता मंदिर के पास कई छोटे मंदिर भी हैं, जहाँ शिव, गणेश और भैरव देवता की मूर्तियाँ स्थापित हैं। मंदिर के नीचे क्षेत्र में बाजार और धर्मशालाएँ भी बनी हैं, जहाँ श्रद्धालु ठहर सकते हैं।
कैसे पहुंचे चौथ माता के मंदिर
मंदिर तक पहुँचने के लिए सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है। जो भक्त पैदल यात्रा करना चाहते हैं, वे पहाड़ी मार्ग से माता के जयकारों के साथ चढ़ाई पूरी करते हैं।
माता चौथ का यह मंदिर नारी शक्ति, श्रद्धा और वैवाहिक जीवन की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यहां का वातावरण भक्तिभाव से भरा होता है, जो हर आगंतुक के हृदय को शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
Table of Contents
Karwa Chauth 2025 : स्त्री का संकल्प और समर्पण – लोककथाओं में छिपा है व्रत का चमत्कार
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये
Discover more from VR News Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.