AAP PUNJAB गवर्मेंटने २ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो के लिए बढ़ाया ; पंजाब में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि

Punjab

पंजाब में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि AAP PUNJAB गवर्मेंटने २ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो के लिए बढ़ाया ‘आप’ सरकार ने सरपंचों का मान-भत्ता बढ़ाकर दो हजार रुपए किया; पंजाब में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि

मुख्यमंत्री की ओर से राज्य के नशा मुक्त गांवों के लिए अनुदान की घोषणा

‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के लिए पूर्ण सहयोग और तालमेल देने के लिए कहा

चंडीगढ़, 24 अप्रैल

‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान में गांवों की पंचायतों से समर्थन की मांग करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को राज्य के नशा मुक्त गांवों के लिए बड़े परियोजनाओं के साथ-साथ वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की।

पंचायत दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो गांव स्वयं को नशा मुक्त गांव घोषित करेगा, उसे अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं के अलावा एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त गांवों को मॉडल गांवों के रूप में विकसित किया जाएगा और उनके विकास को बढ़ावा देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने सरपंचों से इस नेक कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया ताकि सक्रिय जन सहयोग से राज्य से नशे की लानत को खत्म किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चुपचाप बैठकर नशा पीड़ितों की लाशों और चिताओं पर तस्करों को फलते-फूलते नहीं देखेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ दिया है और इस घिनौने अपराध में शामिल बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों द्वारा अवैध रूप से बनाई गई संपत्ति को पहली बार राज्य सरकार द्वारा नष्ट/जब्त किया जा रहा है ताकि यह दूसरों को इस काम में आने से रोके।

AAP PUNJAB गवर्मेंटने २ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो के लिए बढ़ाया ; पंजाब में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि
२ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो

२ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो

इस दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरपंचों को उनके चुने जाने के दिन से ही 2000 रुपए प्रति माह मान-भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सरपंचों को 1200 रुपए मान-भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन वह निर्णय कभी लागू नहीं हुआ और सरपंचों को इसके लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब 2000 रुपए का यह मान-भत्ता नियमित और स्थायी होगा। २ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो के दिया जायेगा ।

गांवों की पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण अंग इसलिए बढाया गया २ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो का

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गांवों की पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार सरपंचों को हर संभव सहायता और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि उन्होंने समग्र ग्रामीण विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंचायतें और सरपंच राज्य सरकार की वास्तविक आंखें और कान हैं क्योंकि वे जमीनी स्तर पर जनता से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं।

२ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो के साथ बड़ी जिम्मेदारी सौंपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के समझदार मतदाताओं ने सभी सरपंचों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और उन्हें बहुत निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंचायतों को लोकतंत्र की नींव माना जाता है क्योंकि उनके द्वारा लिए गए निर्णयों को पूरे गांव द्वारा सम्मान के साथ स्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब जब राज्य के लोगों ने सरपंचों को शक्ति दी है, तो लोगों की इच्छाओं और हितों को पूरा करना सरपंचों का कर्तव्य बनता है।

योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाने में सबसे अधिक सहायक

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती संस्थाएं सरकार की जन-हितैषी नीतियों और विकासोन्मुख योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाने में सबसे अधिक सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें गांवों के विकास के लिए योजनाएं बनाती हैं, जबकि सरपंच और पंच जमीनी स्तर पर इन योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भगवंत सिंह मान ने सभी सरपंचों से विकास कार्यों के लिए खुद को समर्पित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को विकास कार्यों और सेवाओं की निगरानी को तत्परता से सुनिश्चित करना चाहिए।

सरपंच पूरे गांव का चुना इसलिए उनके लिए सरकारने २ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो

मुख्यमंत्री ने सरपंचों को आह्वान किया कि वे इन कार्यों में किसी भी प्रकार के अनावश्यक हस्तक्षेप से दूर रहें। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांवों में गुटबाजी के कारण काम बुरी तरह प्रभावित होते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को गांवों में गुटबाजी खत्म करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत प्राप्त करने वाला व्यक्ति या पार्टी विजेता होती है, लेकिन वह सरपंच पूरे गांव का चुना जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंच को प्रत्येक गांववासी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और निर्णय निष्पक्षता के साथ लेने चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई गांवों के सरपंचों ने बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता के साथ अपने गांवों की सूरत बदल दी है। सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों वाले गांवों का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि इन गांवों ने आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर अपने सरपंचों को सर्वसम्मति से चुना है ताकि एक ओर गांवों में सद्भावना और भाईचारे की मूल्यों को मजबूत किया जा सके और दूसरी ओर उनका व्यापक विकास सुनिश्चित किया जा सके।

जाब सरकार गांवों के सर्वांगीण विकास और प्रगति

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब सरकार गांवों के सर्वांगीण विकास और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंच सरकार और गांवों के बीच पुल हैं, जिसके कारण उन्हें गांवों के विकास में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने सरपंचों से गांवों को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बढ़-चढ़कर योगदान देने की अपील की ताकि राज्य के पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।

तालाबों को पुनर्जनन

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य भर के गांवों के तालाबों को पुनर्जनन करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य तालाबों की सफाई करना है और इसके लिए राज्य सरकार ने पहले ही उपयुक्त योजना तैयार की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन तालाबों के पानी को शुद्ध करके कृषि उद्देश्यों के लिए उचित ढंग से उपयोग किया जाएगा ताकि भूजल पर बोझ कम किया जा सके।

75 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने राज्य की सेवा संभाली थी, तब राज्य में सिंचाई के लिए केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि आज 75 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई के लिए उपयोग किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नहरी पानी सिंचाई के लिए वरदान है क्योंकि यह खनिजों से भरपूर होता है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और दूसरी ओर भूजल की बचत करता है।

बिजली के बोझ को भी कम

मुख्यमंत्री ने कहा कि नहरी पानी बिजली के बोझ को भी कम करता है, जिससे राज्य सरकार हर क्षेत्र को निर्बाध बिजली प्रदान करने में सक्षम हो जाती है। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने राज्य में हजारों खालों और कस्सियों को पुनर्जनन किया है, जिसके कारण दूर-दराज के गांवों में भी पानी टेल तक पहुंचा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के कठिन प्रयासों के कारण भूजल का स्तर बढ़ना शुरू हो गया है और केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार कई ब्लॉकों में भूजल एक मीटर तक ऊपर की ओर बढ़ा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गांवों के विकास से संबंधित विभिन्न श्रेणियों में पंचायत की प्रगति के सूचकांक में सर्वाधिक अंक प्राप्त करके राज्य भर में प्रथम स्थान हासिल करने वाली बठिंडा जिले की ग्राम पंचायत बल्लो की पंचायत को सम्मानित किया।

२ हजार रुपए मान-भत्ता सरपंचो का बढ़ावा देने से उनका सहयोग मिलेगा

इसके अलावा विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली नौ पंचायतों और सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्वयं-सहायता समूहों और पंचायत सचिवों को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद और अन्य उपस्थित थे।


Discover more from VR News Live

Subscribe to get the latest posts sent to your email.