Al-Aqsa Masjid: अल-अक्सा मस्जिद का क्या है विवाद ? अल-अक्सा मस्जिद को लेकर विवाद का मूल कारण उसका धार्मिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व है। यह स्थान तीनों प्रमुख अब्राहमिक धर्मों—इस्लाम, यहूदी धर्म और ईसाई धर्म—के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। आइए विस्तार से समझते हैं:
अल-अक्सा मस्जिद का धार्मिक महत्व :
1. इस्लाम में Al-Aqsa Masjid
- यह इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, मक्का और मदीना के बाद।
- कुरान के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद ने मक्का से अल-अक्सा तक एक रात में ‘इसरा व मिराज’ की यात्रा की थी, और यहीं से वे स्वर्ग की ओर चढ़े थे।
- यह मस्जिद हरम अल-शरीफ (Noble Sanctuary) परिसर में स्थित है, जिसे अरबी में “अल-हरम अल-शरीफ” कहा जाता है।
2. Al-Aqsa Masjid यहूदी धर्म में
- यह स्थान टेम्पल माउंट (Temple Mount) के नाम से जाना जाता है और यहूदी इसे अपने सबसे पवित्र स्थल मानते हैं।
- यहीं पर प्रथम मंदिर (सोलोमन का मंदिर) और बाद में द्वितीय मंदिर था जिसे रोमन सम्राट टाइटस ने 70 ईस्वी में नष्ट कर दिया।
- यहूदियों का विश्वास है कि यही वह स्थान है जहां से दुनिया की रचना शुरू हुई थी और जहां अब्राहम ने अपने बेटे इसहाक की बलि देने की तैयारी की थी।
3. ईसाई धर्म में
- ईसाइयों के लिए भी यह स्थान ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यरुशलम ईसा मसीह के जीवन की घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
- हालाँकि अल-अक्सा सीधे ईसाई धर्म के पूजा स्थल का केंद्र नहीं है, फिर भी यह क्षेत्र संपूर्ण यरुशलम के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
Al-Aqsa Masjid विवाद का कारण
- धार्मिक दावा और नियंत्रण
- मुसलमान इस परिसर को पूरी तरह इस्लामी मानते हैं और जॉर्डन द्वारा प्रबंधित इस्लामी वक्फ इसे संभालता है।
- यहूदी इस स्थान को अपने पहले और दूसरे मंदिर का स्थल मानते हैं और यहां प्रार्थना करना चाहते हैं, जबकि उन्हें केवल विज़िट की अनुमति होती है, पूजा की नहीं।
- इजराइल और फिलिस्तीन के बीच भू-राजनीतिक संघर्ष
- 1967 के छह दिनी युद्ध में इजराइल ने यरुशलम के इस भाग पर कब्जा कर लिया और यरुशलम को अपनी राजधानी घोषित कर दिया।
- फिलिस्तीनी इसे पूर्वी यरुशलम का हिस्सा मानते हैं और इसे अपनी भावी राजधानी बनाना चाहते हैं।
- बार-बार टकराव और झड़पें
- यह स्थान बार-बार इजराइली सुरक्षा बलों और फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का केंद्र बनता रहा है।
- जब कभी यहूदी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में टेम्पल माउंट क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, या कोई कट्टर यहूदी संगठन वहां मंदिर बनाने की मांग करता है, तो तनाव और हिंसा बढ़ जाती है।
संवेदनशीलता और समाधान की चुनौतियाँ
- यह सिर्फ धार्मिक विवाद नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद, पहचान और अधिकार का भी प्रश्न बन चुका है।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका, समय-समय पर मध्यस्थता करते हैं लेकिन स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकल पाया है।
अल-अक्सा मस्जिद एक ऐसा स्थल है जहां आस्था, इतिहास और राजनीति आपस में टकराते हैं। तीनों धर्मों के लिए यह जगह अत्यंत पवित्र है, और यही कारण है कि यहां का विवाद इतना गहरा और संवेदनशील है।
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