“Anant Chaturdashi 2025: कब करेंगे बप्पा का विसर्जन? 6 या 7 सितंबर की उलझन खत्म, जानें तिथि, मुहूर्त और शुभ योग के राज़!”
Anant Chaturdashi 2025 अनंत चतुर्थी (जिसे अनंत चतुर्दशी भी कहा जाता है) भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु जी के “अनंत” स्वरूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
महत्व Anant Chaturdashi 2025
इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा कर अनंत सूत्र (कुंकुम, हल्दी और डोरी से बना पवित्र धागा) बांधते हैं। यह सूत्र दाहिने हाथ में पुरुष और बाएँ हाथ में महिलाएँ धारण करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर जीवन की सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और सुख-समृद्धि मिलती है।
पौराणिक कथा
पांडवों ने वनवास काल में अनंत व्रत किया था। भगवान विष्णु ने उन्हें “अनंत” स्वरूप का आशीर्वाद देकर कठिनाइयों से मुक्ति दिलाई।
विशेष महत्व
गणेश उत्सव का अंतिम दिन (गणेश विसर्जन) भी अनंत चतुर्दशी को ही होता है। महाराष्ट्र, गुजरात और देशभर में इस दिन बड़े धूमधाम से गणेश विसर्जन होता है।
कब है अनंत चतुर्थी 2025
अनंत चतुर्दशी 2025 वास्तव में 6 सितंबर, शनिवार को ही मनाई जाएगी, न कि 7 तारीख को। इसे त्रयोदशी तिथि खत्म होने के बाद, सूर्योदय से ही (जो 6 सितंबर की आधी रात के बाद होगी) अनंत चतुर्दशी माना जाएगा।
तिथि और समय संक्षिप्त में: Anant Chaturdashi 2025
- चतुर्दशी तिथि की शुरुआत: 6 सितंबर, रात्रि लगभग 3:12 AM (अंग्रेजी पंचांग अनुसार)
- अंतिम समय (तिथि का समापन): 7 सितंबर, रात्रि 1:41 AM तक जारी रहेगी।
- इसलिए, शास्त्रीय दृष्टिकोण से 6 सितंबर को ही अनंत चतुर्दशी व्रत और पूजा संपन्न होती है।
शुभ मुहूर्त और योग — सुकर्मा और रवि योग का महत्व:
इस वर्ष अनंत चतुर्दशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं — जैसे सुकर्मा योग और रवि योग— जो पूजा-व्रत में विशेष फलदायी माने जाते हैं।
व्रत और पूजा का मुख्य शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- पूजा समय: सुबह 6:02 AM से लेकर अगली सुबह 1:41 AM (7 सितम्बर) तक — लगभग 19 घंटे 39 मिनट तक पूजा संभव है।
गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के लिए शुभ समय:
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन भी किया जाता है — इसके लिए कई शुभ मुहूर्त भी निर्धारित हैं:
- सुबह (शुभ): 07:36 AM – 09:10 AM
- दोपहर (चर, लाभ, अमृत): 12:19 PM – 05:02 PM
- सायाह्न (लाभ): 06:37 PM – 08:02 PM
- रात्रि (शुभ, अमृत, चर): 09:28 PM – 01:45 AM (7 सितंबर)
- उषा काल (लाभ): 7 सितम्बर, सुबह 04:36 AM – 06:02 AM
इन समयों में विसर्जन करने से पूजा का पुण्य और बढ़ जाता है।
शुभ फल: Anant Chaturdashi 2025
- सुकर्मा योग और रवि योग: मान्यता है कि ये योग पूजा-व्रत को अत्यंत फलदायी बनाते हैं, विशेष रूप से लक्ष्मी-नारायण की विधिपूर्वक सेवा से सुख-समृद्धि, जीवन की बाधाओं से मुक्ति, तथा कार्यों की सिद्धि की प्राप्ति होती है।
- यदि अनंत चतुर्दशी शनिवार को पड़ता है — जैसा कि इस वर्ष हो रहा है — तो इसका पुण्य और अधिक बढ़ जाता है।
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