Anant Chaturdashi 2025 को ही क्यों करते है विसर्जन?
Anant Chaturdashi 2025 अनंत चतुर्दशी 2025 के दिन ही गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। इसके पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों कारण हैं।
“गणेश विसर्जन हमें यह सिखाता है कि संसार में सब कुछ क्षणभंगुर है, केवल ईश्वर का नाम और हमारे कर्म ही स्थायी हैं।“
अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन से जुड़ी एक बहुत ही रोचक पौराणिक कथा प्रचलित है।
Anant Chaturdashi 2025 पौराणिक कथा : अनंत व्रत और गणपति का आशीर्वाद

बहुत समय पहले सत्य युग में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। उसके घर में बड़ी दरिद्रता थी। परिवार की स्त्री सुशीला बहुत धार्मिक और श्रद्धालु थी। एक बार वह नदी के किनारे गई, जहाँ कुछ स्त्रियाँ अनंत भगवान (विष्णु जी) की पूजा कर रही थीं। उन्होंने सुशीला को अनंत व्रत की महिमा बताई –
“जो यह व्रत करता है, उसके जीवन से दुख-दरिद्रता मिट जाती है और सुख-समृद्धि आती है।”
सुशीला ने भी श्रद्धा से व्रत किया और अपने हाथ में अनंत सूत्र (पवित्र धागा) बाँध लिया। व्रत के प्रभाव से उनके घर की दरिद्रता दूर हो गई और सुख-समृद्धि लौट आई।
लेकिन उसके पति ने उस धागे को देखकर कहा –
“ये सब व्यर्थ है, यह कोई जादू-टोना है।” और उसने अनंत सूत्र उतारकर फेंक दिया।
उसका परिणाम यह हुआ कि परिवार फिर से दुख और दरिद्रता में घिर गया। तब सुशीला ने अपने पति को समझाया और साथ मिलकर अनंत चतुर्दशी व्रत पुनः किया। भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर गया।

Anant Chaturdashi 2025 गणेश विसर्जन से संबंध
कहा जाता है कि गणेश जी विघ्नहर्ता हैं। जब भक्त 10 दिन तक उनकी सेवा-पूजा करते हैं और अनंत चतुर्दशी को उनका विसर्जन करते हैं, तो वे भक्तों के सभी विघ्न दूर कर अपने साथ ले जाते हैं। इसी दिन अनंत व्रत भी करने से दोगुना पुण्य प्राप्त होता है –
- विष्णु जी का “अनंत आशीर्वाद”
- गणेश जी का “विघ्नविनाश”
Anant Chaturdashi 2025 क्यों करते हैं गणेश विसर्जन?
- आगमन और प्रस्थान की परंपरा 🪔
- गणेश चतुर्थी पर बप्पा को घर या पंडाल में आमंत्रित किया जाता है।
- 10 दिन तक उनकी पूजा, भोग और सेवा करने के बाद, अनंत चतुर्दशी को सम्मानपूर्वक विदा किया जाता है।
- इसे “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के भाव से किया जाता है।
- मिट्टी की मूर्ति का महत्व 🌱
- गणेश जी की मूर्ति मुख्यतः मिट्टी से बनाई जाती है, जो जीवन का प्रतीक है।
- विसर्जन द्वारा यह संदेश दिया जाता है कि जीवन नश्वर है, जो मिट्टी से आया है, वह मिट्टी में ही विलीन हो जाता है।
- पर्यावरण और प्रकृति से जुड़ाव 🌊
- जल में मूर्ति विसर्जन से यह मान्यता है कि बप्पा सारी दुख-दर्द और नकारात्मकता अपने साथ ले जाते हैं और भक्तों को शुभ आशीर्वाद देकर विदा होते हैं।
- अनंत चतुर्दशी का योग 🔱
- यह दिन भगवान विष्णु के “अनंत” स्वरूप की पूजा के लिए भी पवित्र है।
- इसलिए इस दिन गणेश जी का विसर्जन करने से दोनों पुण्यफल एक साथ प्राप्त होते हैं – गणेश कृपा और विष्णु आशीर्वाद।
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