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Andhra Temple Stampede भीड़ की लहर में दबे श्रद्धालु काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ का दर्दनाक दृश्य

Andhra Temple Stampede

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Andhra Temple Stampede भीड़ की लहर में दबे श्रद्धालु काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ का दर्दनाक दृश्य

Andhra Temple Stampede आंध्र-प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में देवउठनी एकादशी के अवसर पर हुई भीड़भाड़ की दुर्घटना में कम-से-कम 9 लोगों की मौत हुई। जानिए इस घटना के 5 प्रमुख अपडेट, साथ ही क्यों इस मंदिर को ‘पूर्व का तिरुपति’ कहा जाता है।

Andhra Temple Stampede 600 वर्ष पुराना पावन धाम काशीबुग्गा के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब

काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (पालासा मण्डल, श्रीकाकुलम ज़िला, आंध्र-प्रदेश) में शनिवार सुबह एक भगदड़ हुई, जिसमें कम-से-कम 9 श्रद्धालुओं की मौत हुई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। घटना उस समय घटी जब मंदिर में देवउठनी एकादशी या कार्तिक एकादशी (वैष्णव मान्यताओं वाला पवित्र दिन) के अवसर पर भारी भीड़ उमड़ी हुई थी।

Andhra Temple Stampede

Andhra Temple Stampede 5 बड़े अपडेट

1. मृत्यु-और-चोटों का आंकड़ा:
– अब तक कम-से-कम 9 श्रद्धालुओं के मृत होने की पुष्टि हुई है — आठ महिलाएं और एक लड़का।
– कई अन्य घायल हैं, अस्पताल में भर्ती किये गए हैं।

2. कब और कहाँ हुई घटना:
– यह घटना शनिवार सुबह हुई, जब मंदिर में पवित्र दिन के अवसर पर दर्शन के लिए भारी भीड़ जमा थी।
– स्थान है: श्रीकाकुलम जिले का पालासा-मंडल, काशीबुग्गा कस्बा।

Andhra Temple Stampede

3. घटना के पीछे कारण-सूत्र:
– भारी भीड़ और अव्यवस्थित प्रवेश-निकास व्यवस्था प्रमुख कारण हैं।
– मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग रास्ते नहीं थे (एक ही मार्ग था) जिससे भगदड़ को बढ़ावा मिला।
– यह मंदिर सरकारी ‘एन्डोमेंट्स डिपार्टमेंट’ के अंतर्गत नहीं है और आयोजकों ने बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं दी थी।
– जिस क्षेत्र में भीड़ थी, वह अभी निर्माणाधीन था — इसलिए संरचना व सुरक्षा इंतज़ाम कमजोर थे।

4. राज्य-प्रधानशासन की प्रतिक्रिया:
– नरेन्द्र मोदी ने दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए तथा घायलों को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
– एन. चंद्रबाबू नायडू (मुख्यमंत्री आंध्र-प्रदेश) ने घटना को “भयंकर” बताया, घायलों के त्वरित इलाज का निर्देश दिया है।
– राज्य में अन्य मंदिरों में भीड़-प्रबंधन की समीक्षा चल रही है।

5. ‘पूर्व का तिरुपति’ उपाधि का महत्व:
– काशीबुग्गा का यह मंदिर बहुत-से श्रद्धालुओं में लोकप्रिय है और कहा जाता है कि यहाँ दर्शन-पूजा के लिए तिरुपति-नगरी की तरह लोगों की भीड़ आती है।
– इस मंदिर की निजी प्रबंधन व्यवस्था तथा तीर्थ-स्थान का स्वरूप इसे स्थानीय रूप से ‘छोटा तिरुपति’ या ‘पूर्व का तिरुपति’ कहे जाने का कारण बना है।
– इसलिए, इस तरह की भीड़-भाड़ वाले पवित्र दिन पर सुरक्षा व व्यवस्था की संवेदनशीलता और ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है।

यह हादसा केवल एक मंदिर में हुई भगदड़ नहीं, बल्कि तीर्थ-स्थलों पर आज की चुनौतियों — भारी संख्याओं में दर्शनार्थियों का आना, प्रबंधन की कमी, सुरक्षा-प्रोटोकॉल की लापरवाही — का एक दर्दनाक उदाहरण है। काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर जिसे ‘पूर्व का तिरुपति’ कहा जाता है, इस उपाधि के कारण खुद ही एक बड़ी भीड़ का केंद्र बन चुका था। इस स्थिति में प्रबंधन व सुरक्षा के मानदंडों का अनुपालन होना बेहद आवश्यक था, पर ऐसा नहीं हुआ और परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की मौत हुई। आने वाले समय में ऐसे पवित्र स्थलों पर भीड़-नियंत्रण, प्रवेश-निकास व्यवस्था, आपातकालीन प्रबंधन जैसे बुनियादी इंतज़ामों को अनिवार्य किया जाना चाहिए।


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