मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन के सकारात्मक नतीजे सामने आए #corruption #punjabgoverment #postiveresult

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मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन के सकारात्मक नतीजे सामने आए: #corruption #punjabgoverment #postiveresult विजिलेंस ब्यूरो द्वारा 60,000 रुपये रिश्वत मांगने वाले बीडीपीओ दफ्तर का सुपरिंटेंडेंट गिरफ्तार चंडीगढ़, 5 मई पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज कर दिया है जिसके तहत पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर दर्ज की गई शिकायत के बाद अमृतसर में एक सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।

भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन के सकारात्मक नतीजे

इस हेल्पलाइन के द्वारा विजिलेंस की कार्रवाई इस जन पहल की बढ़ती सफलता को उजागर करती है और यह मुहिम सरकारी दफ्तरों में भ्रष्ट गतिविधियों का पर्दाफाश करके नागरिकों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान सतनाम सिंह, ब्लॉक विकास और पंचायत दफ्तर (बीडीपीओ), वेरका ब्लॉक, रानी का बाग, अमृतसर के सुपरिंटेंडेंट के रूप में हुई है, जिसने गली पर कब्जे की शिकायत पर सरकारी कार्रवाई के बदले गांव नबिपुर, जिला अमृतसर के एक निवासी से 60,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।

भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन के सकारात्मक नतीजे-
उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने बीडीपीओ ब्लॉक वेरका लखविंदर कौर को शिकायत दी थी कि उसके पड़ोसी गुरविंदर सिंह ने उसके घर जाने वाली गली पर अवैध कब्जा कर लिया है।

बीडीपीओ ने यह मामला उक्त सुपरिंटेंडेंट को आगे भेज दिया, जिसने इस शिकायत पर जूनियर इंजीनियर मोहित कुमार और पंचायत सचिव अशोक कुमार को तथ्यों की पुष्टि करने के निर्देश दिए थे।


इस जांच की पुष्टि से पता चला कि सरकारी गली पर कब्जा करने की शिकायत सही थी, जिसके परिणामस्वरूप उस व्यक्ति पर 3,284 रुपये का जुर्माना लगाया गया। बार-बार नोटिस देने के बावजूद, कब्जाधारी ने इस नोटिस का पालन नहीं किया, जिसके कारण बीडीपीओ दफ्तर को गैर-कानूनी ढांचे को हटाने के लिए पुलिस सहायता की विनती करनी पड़ी।


हालांकि उचित कानूनी कार्रवाई करने की बजाय, सुपरिंटेंडेंट सतनाम सिंह ने शिकायतकर्ता की एक और शिकायत पर कार्रवाई करने के बदले 50,000 रुपये रिश्वत की मांग की और शिकायतकर्ता को 20,000 रुपये अग्रिम रूप से देने के लिए कहा।

शिकायतकर्ता ने गूगल पे के माध्यम से 10,000 रुपये उक्त सतनाम सिंह के खाते में डाल दिए। इसके बाद विभाग ने पुलिस की सहायता से गली में लगे अवैध थंबों को हटा दिया गया।
इसके उपरांत शिकायतकर्ता के पड़ोसी ने बदले की कार्रवाई करते हुए गांव का नाला ब्लॉक कर दिया था, जिससे शिकायतकर्ता को मजबूरन पुनः उक्त सुपरिंटेंडेंट के पास जाना पड़ा।

सतनाम सिंह ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह पहले दी गई रिश्वत के बारे में चुप रहे, नहीं तो वह उसकी नाले के बारे में दी गई शिकायत में कोई मदद नहीं करेगा।
विजिलेंस ब्यूरो ने विजिलेंस ब्यूरो के थाने, अमृतसर रेंज में सतनाम सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज करने से पहले सभी तथ्यों की पुष्टि की और उसे दोषी साबित होने पर गिरफ्तार कर लिया।

भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन के सकारात्मक नतीजे

उसे कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस मामले में बीडीपीओ लखविंदर कौर की भूमिका की जांच आगे की जांच के दौरान की जाएगी।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो सहिष्णुता नीति की पुष्टि करते हुए नागरिकों से सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी या दर्व्यवहार के किसी भी मामले की सक्रियता से रिपोर्ट करने की अपील की है।

विजिलेंस ब्यूरो ने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन लोगों के लिए भ्रष्टाचार की शिकायत करने का एक जरिया है। उन्होंने कहा कि हम सभी नागरिकों को बिना किसी डर के आगे आने का आह्वान करते हैं क्योंकि समय पर दी गई जानकारी ही तुरंत कार्रवाई को सुनिश्चित करती है।

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