Breast Cancer युवा महिलाएं भी हैं रिस्क पर 5 संकेत जो कहते हैं, अब समय है मैमोग्राफी का!
Breast Cancer नियमित जांच क्यों ज़रूरी है?
शुरुआती स्टेज में पहचाना गया स्तन कैंसर 90% से अधिक मामलों में पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
इसलिए हर महिला को 30 की उम्र के बाद साल में एक बार क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्ज़ाम और 35-40 के बाद मैमोग्राफी करवानी चाहिए।
यह बिल्कुल सही चिंता का विषय है — हाल के वर्षों में युवा महिलाओं (30-40 वर्ष से पहले) में स्तन कैंसर (Breast Cancer) के मामले बढ़े हैं। पहले इसे सिर्फ 40 के बाद की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब लाइफस्टाइल, हार्मोनल बदलाव और आनुवांशिक कारणों से ये जोखिम जल्दी बढ़ रहा है।

नीचे दिए गए 5 प्रमुख संकेत (Warning Signs) बताते हैं कि आपको 40 की उम्र से पहले मैमोग्राफी (Mammography) करवानी चाहिए 👇

💗 1. स्तन में गांठ या असामान्य सख्त जगह महसूस होना
अगर आप किसी लंप (lump) या सख्त हिस्सा महसूस करती हैं जो खत्म नहीं हो रहा, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन जांच ज़रूरी है।
💗 2. निप्पल (स्तन का अग्र भाग) से असामान्य स्राव
यदि निप्पल से रक्तमिश्रित या पारदर्शी तरल निकलता है, तो ये शुरुआती संकेत हो सकते हैं। बिना दर्द के भी ये बदलाव दिख सकते हैं।
💗 3. स्तन की त्वचा में बदलाव
त्वचा का सिकुड़ना, खुरदुरापन, लालिमा, या डिंपल जैसा गड्ढा पड़ना — ये सभी बदलाव जांच की मांग करते हैं।
💗 4. निप्पल का अंदर धँस जाना या आकार बदलना
अगर अचानक निप्पल अंदर की ओर मुड़ जाए या उसकी शेप बदलने लगे, तो इसे नजरअंदाज न करें।
💗 5. पारिवारिक इतिहास (Family History)
अगर आपकी माँ, बहन या दादी को स्तन कैंसर रहा है, तो आपको 30-35 की उम्र से ही मैमोग्राफी या ब्रेस्ट स्कैन शुरू कर देना चाहिए।
अतिरिक्त जोखिम कारक (Risk Factors):
- देर से शादी या पहला बच्चा 30 के बाद || स्तनपान न करवाना || हार्मोनल पिल्स या हॉर्मोन थेरेपी का लंबे समय तक उपयोग || मोटापा, धूम्रपान या अत्यधिक शराब का सेवन
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