CBSE School: ‘तीसरी आंख निगरानी प्रणाली’ सुरक्षा बढ़ाने का एक डिजिटल प्रयास है
CBSE School बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में अब बच्चों की गतिविधियों पर डिजिटल तरीके से निगरानी रखने की तैयारी की जा रही है। इसे आमतौर पर ‘तीसरी आंख’ (Third Eye Surveillance) कहा जा रहा है। आइए समझते हैं कि ये योजना क्या है और इससे छात्रों पर क्या असर पड़ेगा:
क्या है ‘तीसरी आंख’ निगरानी योजना?
- स्कूलों में हाईटेक CCTV सिस्टम लगाया जा रहा है। इसे ‘तीसरी आंख’ के तौर पर संदर्भित किया जा रहा है क्योंकि इसके जरिए प्रशासन हर कक्षा, गलियारे, प्रवेश द्वार आदि पर हर बच्चे की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा। अब कैमरे केवल निगरानी के लिए नहीं, बल्कि केंद्रीय स्तर पर डेटा रिकॉर्डिंग और विश्लेषण के लिए भी इस्तेमाल होंगे। बच्चों की सुरक्षा के नाम पर स्कूल परिसरों में 24×7 निगरानी रखी जाएगी। स्कूल प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा बोर्ड और संबंधित एजेंसियां भी इन रिकॉर्डिंग्स तक सीमित अधिकारों के साथ पहुंच बना सकेंगी।
CBSE School निगरानी का उद्देश्य
- छात्रों की सुरक्षा बढ़ाना – किसी भी अनुचित व्यवहार, आपराधिक घटना या आपदा की स्थिति पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करना। छात्रों का अनुशासन बनाए रखना – कक्षा और परिसर में छात्रों के व्यवहार पर निगरानी रखकर अनुशासन को प्रोत्साहन देना। शिक्षकों व स्टाफ पर भी नजर – अब केवल छात्र नहीं, बल्कि शिक्षक और अन्य स्टाफ भी निगरानी दायरे में रहेंगे। अभिभावकों को संतुष्टि देना – इस कदम के जरिए स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दावा किया जा रहा है।
चिंताएं और विवाद
- बच्चों की निजता (Privacy) को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लगातार निगरानी से बच्चों में मानसिक दबाव बढ़ने की आशंका भी विशेषज्ञों द्वारा जताई गई है। निगरानी डेटा की सुरक्षा और दुरुपयोग रोकने की जिम्मेदारी स्कूल और प्रशासन पर बढ़ेगी। हाल फिलहाल स्कूलों में जो हादसे हो रहे है उसके बाद ये फैसला लिया गया है।
कहां से शुरू होगा?
- फिलहाल ये पहल दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, और हरियाणा जैसे क्षेत्रों के चुनिंदा CBSE स्कूलों में शुरू की जा रही है। बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से देशभर के सभी CBSE बोर्ड स्कूलों में लागू करने का प्रस्ताव है।
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