Chief Minister of Punjab सीएम भगवंत मान गुजरात के खेतों से उठी नई राजनीति की आवाज़
Chief Minister of Punjab सीएम भगवंत मान किसानों की आवाज़ अब किसानों के हक की लड़ाई सड़क से सदन तक
Chief Minister of Punjab गुजरात में किसानों और पशुपालकों की समस्याओं को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा आंदोलन शुरू किया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने गोपाल इटालिया व चैतर वसावा के साथ मिलकर किसान महापंचायत में किसानों के हक में आवाज़ उठाई। जानिए पूरा विवरण।
Chief Minister of Punjab
गुजरात में किसानों और पशुपालकों के हक को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन की सबसे बड़ी कड़ी रही किसानों की महापंचायत, जिसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, गोपाल इटालिया और आदिवासी नेता चैतर वसावा शामिल हुए।
महापंचायत में हजारों किसान, पशुपालक और आदिवासी समुदाय के लोग जुटे। मंच से अरविंद केजरीवाल ने कहा —
“यह सिर्फ गुजरात का नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों का आंदोलन है। जब सरकार किसानों की आवाज़ नहीं सुनती, तब जनता खुद आवाज़ बन जाती है।”
सीएम भगवंत मान ने भी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा —
Chief Minister of Punjab“किसानों को बोनस नहीं, लाठी मिली। दूध देने वाले पशुपालकों को न्याय की जगह मुकदमे मिले। यह हाल अब और नहीं चलेगा। हम किसानों के साथ खड़े हैं।”
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आंदोलन की पृष्ठभूमि
गुजरात के कई जिलों में पिछले महीनों से डेयरी किसानों और पशुपालकों में असंतोष है। उन्होंने सरकार से बोनस और मुनाफा-हिस्सेदारी की मांग की थी, लेकिन भुगतान समय पर नहीं हुआ। किसानों का आरोप है कि बोनस दर घटा दी गई और बाकी रकम रोकी गई।
जब किसानों ने विरोध किया, तो पुलिस कार्रवाई हुई, और इसी दौरान एक पशुपालक की मौत की खबर ने माहौल को और भड़का दिया। इस घटना के बाद से आम आदमी पार्टी ने इसे “किसानों के साथ अन्याय” बताते हुए मैदान संभाल लिया।
केजरीवाल का हमला Chief Minister of Punjab
केजरीवाल ने कहा कि गुजरात की भाजपा सरकार किसानों की आवाज़ दबा रही है।
“यह सरकार किसान-विरोधी है। डेयरी माफिया और नेताओं की मिलीभगत से किसानों को लूटा जा रहा है। हम यह नहीं होने देंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर गुजरात में AAP की सरकार बनेगी, तो किसानों-पशुपालकों के लिए पारदर्शी भुगतान प्रणाली लागू की जाएगी।
चैतर वसावा और गोपाल इटालिया की भूमिका
चैतर वसावा, जो आदिवासी और किसान नेता हैं, ने कहा कि जब उन्होंने किसानों की तरफदारी की, तब उन्हें झूठे केस में फँसाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा —
“मैं जेल से डरता नहीं। अगर किसानों के लिए लड़ना अपराध है, तो मैं यह अपराध बार-बार करूंगा।”
वहीं गोपाल इटालिया ने कहा कि यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है। “अब गुजरात के हर गांव-हर किसान को यह समझ आ गया है कि उनका हक छीनने वालों को जवाब देना होगा।”
भगवंत मान का सीधा संदेश
सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के किसानों ने भी यही लड़ाई लड़ी थी और अब गुजरात के किसान भी उठ खड़े हुए हैं।
“दिल्ली और पंजाब में किसान-हितैषी सरकार है। अब बारी गुजरात की है। हम किसानों के साथ मिलकर हर अत्याचार का जवाब देंगे।”
महापंचायत की मांगें
किसानों और पशुपालकों को पूरा बोनस मिले।
दूध और डेयरी भुगतान में पारदर्शिता लाई जाए।
आदिवासी किसानों के खिलाफ झूठे केस वापस लिए जाएं।
बल प्रयोग की जगह संवाद से समस्या हल की जाए।
महापंचायत के समापन पर अरविंद केजरीवाल ने कहा —
“यह लड़ाई सत्ता की नहीं, सम्मान की है। किसानों की आवाज़ अब गुजरात के हर कोने तक जाएगी।”