Cyclone KIKO : तूफान किको से हवाई द्वीप समूह को खतरा
Cyclone KIKO तूफानों से टुवालू को क्यों खतरा?
1. भौगोलिक और ऊँचाई संबंधी असुरक्षा
- टुवालू के अधिकांश द्वीप अतिकम ऊँचाई (औसतन केवल 2 मीटर या उससे कम) वाले कोरल एटोल हैं, जिनकी सर्वाधिक ऊँचाई 4–5 मीटर तक सीमित है। इससे ये बाढ़ और तूफानों से अत्यंत संवेदनशील बने हैं।
2. चक्रवात और तूफान-जनित प्राकृतिक आपदाएँ
- Ch. Pam (2015) जैसे जारी चक्रवातों ने तूफानी लहरों (3–5 मीटर) से द्वीपों को निशाना बनाया, जिससे भारी बाढ़, फसल और जल स्रोतों को भारी नुकसान होना जैसे प्रभाव देखे गए।
- Ch. Tino (2020) भी टुवालू से सैकड़ों किलोमीटर दूर से गुजरते हुए इसे नुकसान पहुँचाता है—मुख्यतः हाई-स्वेल, तूफ़ानी जल प्रवेश, और भारी बारिश के कारण।
3. समुद्र स्तर में वृद्धि और तूफानी लहरें
- NASA की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 30 वर्षों में टुवालू में समुद्र का स्तर लगभग 15 सेमी बढ़ गया है और 2100 तक यह वृद्धि 40 इंच (~1 मीटर) तक पहुँचने की आशंका है। इससे भू-भाग और बुनियादी ढांचा उच्च ज्वार की सतह से नीचे आ सकता है।
- यह वृद्धि तूफान-जनित लहरों और बाढ़ की तीव्रता में उल्लेखनीय उछाल ला रही है।
4. प्राकृतिक संरक्षा व परियोजनाएँ
- टुवालू सरकार ने Tuvalu Coastal Adaptation Project (TCAP) शुरू किया है, जिसके अंतर्गत Funafuti द्वीप पर भूमि पुनर्प्राप्ति और Nanumea, Nanumaga पर तटीय अड़चन निर्माण जैसे गंभीर उपाय शामिल हैं।
टुवालू जैसी अल्प ऊँचाई वाले द्वीपों को चक्रवात, समुद्र-स्तर वृद्धि, और तूफ़ानी लहरों जैसी जोखिमों से अधिकतम खतरों का सामना करना पड़ता है। इसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक तटीय निर्माण, जलवायु अनुकूलन, और वैश्विक सहयोग बेहद ज़रूरी है।
Cyclone KIKO अभी भी कैटेगरी-4 का शक्तिशाली तूफान बना हुआ है।
न्यूनतम केंद्रीय दबाव: बहुत कम स्तर पर दर्ज। अधिकतम हवाएँ: लगभग 130 मील प्रति घंटा (209 किमी/घंटा) आगे बढ़ते हुए इसके और भी तेज़ होने की आशंका है।
संभावित खतरे
भारी वर्षा के कारण जानलेवा बाढ़ का खतरा। भूस्खलन की संभावना, विशेषकर पर्वतीय और ऊँचे क्षेत्रों में तटीय इलाकों में तेज़ लहरें और तूफ़ानी ज्वार
Cyclone KIKO प्रशासन की चेतावनी
हवाई प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि मौसम अपडेट और अलर्ट पर नज़र बनाए रखें। घर में आवश्यक सामान, दवाइयाँ और आपातकालीन किट तैयार रखें। ज़रूरत पड़ने पर ऊँचे और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।