‘Dishom Guru’ Shibu Soren : “धरतीपुत्र से संसदपुरुष तक: ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन की अद्भुत यात्रा” शिबू सोरेन की कहानी जो इतिहास बन गई
“झारखंड का गांधी: ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन की विरासत”आदिवासी और वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए उनकी जीवनभर की लड़ाई ने उन्हें एक आदर्श नेता बना दिया। उन्होंने JMM को झारखंड की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बनने में नेतृत्व किया, और आदिवासी राजनीति को राष्ट्रीय मंच पर उठाया। सोरेन झारखंड के प्रमुख राजनेताओं की एक परिवार परंपरा की नींव भी थे; इनके पुत्रों में हेमंत सोरेन वर्तमान मुख्यमंत्री हैं, जबकि बसंत सोरेन जैसे अन्य परिवार सदस्य भी राजनीति में सक्रिय थे।
‘Dishom Guru’ Shibu Soren शिबू सोरेन कौन थे?
शिबू सोरेन (11 जनवरी 1944 – 4 अगस्त 2025) एक प्रमुख भारतीय आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक थे। उन्हें आदर से “Dishom Guru” (भूमि के गुरु) कहा जाता था क्योंकि उन्होंने आदिवासी अधिकारों की लंबी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘Dishom Guru’ Shibu Soren प्रारंभिक जीवन और सामने आया राजनीतिक नेतृत्व
- रामगढ़ ज़िले के नेमरा गाँव में संथाल समुदाय में जन्मे सोरेन का बचपन गरीबी और संघर्ष से भरपूर था; उनके पिता की हत्या ने उन्हें राजनीतिक सक्रियता की ओर अग्रसर किया।
- 18 वर्ष की आयु में उन्होंने Santhal Navyuvak Sangh की स्थापना की, जो संथाल युवाओं को संगठित करने वाला एक पहला प्रयास था।
झारखंड मुक्ति संग्राम और JMM की स्थापना
- 1972 में A.K. Roy और Binod Bihari Mahto के साथ उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी भूमि अधिकार और झारखंड राज्य का गठन था।
- लगातार आंदोलनों और नेतृत्व के जरिए 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य के रूप में अस्तित्व मिला।
राजनीतिक करियर – लोकसभा, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री
- सोरेन लोकसभा सांसद चुने गए—दुमका सीट से—1980, 1989–1998 और 2002–2019 तक कई बार निर्वाचित हुए।
- उन्होंने विभिन्न मंत्रिमंडलों में केन्द्र में कोयला मंत्री के रूप में काम किया (2004–05, और 2006)।
- राज्य स्तर पर उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में तीन बार कार्य किया: 2005, 2008–09, और 2009–10।
विवाद और आपराधिक मुकदमों से घिरे जीवन
हालांकि बाद में उनकी सजा पर उच्च न्यायालय से कुछ राहत मिली, लेकिन यह घटना उनके जीवन का विवादास्पद हिस्सा बनी रही 1994 में अपने सचिव शशिनाथ झा की हत्या में कथित भूमिका के लिए 2006 में उन्हें दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी; इस मामले में उन्होंने अपना केंद्रीय मंत्री पद भी त्याग दिया था।
सोरेन का निधन 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ, वे 81 वर्ष के थे और एक महीने से किडनी से इलाज चल रहा था
- पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री, जेएमएम संस्थापक शिबू सोरेन (age 81) का निधन 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ, पुष्टि उनके पुत्र और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा की गई थी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर देश और आदिवासी समुदाय के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने शोक व्यक्त किया और सीधे हेमंत सोरेन से बात की।
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव और अन्य कई राष्ट्रीय-अंचल स्तर के नेता भी दुख व्यक्त कर चुके हैं।
- झारखंड विधानसभा ने तीन दिनों का शोक घोषित किया है, और राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
किस-किस ने शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि दी ?
“क्या शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि दी गई?” — तो उत्तर है हाँ, कई प्रतिष्ठित नेता एवं संस्थान ने सार्वजनिक रूप से श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर संसदीय सदन (Rajya Sabha) तक, सभी ने उनके योगदान की सराहना करते हुए शोक जताया।

शिबू सोरेन के निधन पर राजकीय प्रतिक्रियाएँ और अंतिम संस्कार की जानकारी ‘Dishom Guru’ Shibu Soren
- झारखंड सरकार ने 4 से 6 अगस्त 2025 तक तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। इस अवधि के दौरान:
- राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे,
- राजकीय समारोह नहीं आयोजित किए जाएंगे,
- 4 और 5 अगस्त को सभी सरकारी कार्यालय (राज्य सरकार के कार्यालय, स्कूल, कॉलेज) बंद रहेंगे।
- झारखण्ड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में मौन रखा गया और “शिबू सोरेन अमर रहें” के नारे गूंजे।
‘Dishom Guru’ Shibu Soren अंतिम संस्कार जानकारी
- निधन तिथि: 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में, उम्र 81 वर्ष में। जानकारी उनके पुत्र, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी। ‘Dishom Guru’ Shibu Soren
- पार्थिव शरीर को सोमवार शाम 6 बजे तक रांची भेजा गया, सबसे पहले उनके रांची स्थित आवास मोरहाबादी पर लाया गया, फिर पार्टी कार्यालय और विधानसभा में दर्शन हेतु रखा गया।
- अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़ जिला) में मंगलवार को आयोजित किया गया:
- दाह संस्कार कल दोपहर तीन बजे किया गया,
- मुखाग्नि पुत्र बसंत सोरेन द्वारा दी गई।
प्रमुख नेताओं और संस्थानों की संवेदना
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य केंद्रीय नेता, उनके योगदान की सराहना करते हुए संवेदना व्यक्त कर चुके हैं।
- बिहार के नेता—नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव—ने भी शोक व्यक्त किया और आदिवासी अधिकारों के लिए उनके संघर्ष को याद किया।
‘Dishom Guru’ Shibu Soren
विषय | विवरण |
---|---|
राजकीय शोक अवधि | 4–6 अगस्त 2025 |
कार्यालय बंद | 4 व 5 अगस्त झारखंड में सरकारी/शैक्षिक बंद |
अंतिम संस्कार स्थल | नेमरा गांव (रामगढ़), दोपहर ~3 बजे मुखाग्नि |
मुखाग्नि दिया | उनके पुत्र बसंत सोरेन |
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