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Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी

Diwali 2025

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Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी

Diwali 2025 के लिए प्रमुख शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, दिनांक और त्योहार की दिलछूने वाली कहानी — जानिए कैसे मनाएँ दीपावली इस बार विशेष अंदाज में।

शुभ दीपावली!

दिवाली — प्रकाश का त्योहार, अंधकार पर विजय का प्रतीक — हर साल हमारे जीवन में नई उम्मीदों की किरण लाता है। Diwali 2025 इस दृष्टि से विशेष है, क्योंकि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि और प्रदोष-निशीथ योग का संयोग 20 अक्टूबर की रात को बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा और दीपदान इसी संयोग में करना सबसे अधिक फलदायी माना जाता है।

Diwali 2025 तिथियाँ और शुभ मुहूर्त

Diwali 2025

त्योहार की शुरुआत

दीवाली का उत्सव धनतेरस से आरंभ होता है — इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर व धन्वंतरि की पूजा होती है। उसके अगले दिन नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) मनाई जाती है। अंत में मुख्य दिन — दीपावली — जब लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं, पटाखे जलाते हैं और रात के समय मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं।

ज्योतिषी चेतन पटेल द्वारा दिवाली 2025 के शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat Chart)

पर्व / त्यौहारतिथि (2025)दिनपूजन / महत्वशुभ मुहूर्त (समय)
धनतेरस18 अक्टूबरशनिवारलक्ष्मी पूजा, कुबेर पूजा, धन्वंतरि पूजासुबह 8:05 – 9:32 (शुभ)
शाम 6:10 – 7:44 (लाभ)
रात 9:17 – 10:51 (शुभ)
रात 10:51 – 12:25 (अमृत)
काली चौदस (नरक चतुर्दशी)19 अक्टूबररविवारहनुमान पूजा, काली पूजा, अन्य देवताओं की पूजासुबह 8:05 – 12:34 (चल, लाभ, अमृत)
शाम 6:09 – 10:51 (शुभ, अमृत, चल)
दीवाली (लक्ष्मी पूजा)20 अक्टूबरसोमवारसरस्वती पूजा, लक्ष्मी पूजा, चोपड़ा पूजनसुबह 9:32 – 10:58 (शुभ)
शाम 4:42 – 7:43 (अमृत, चल)
रात 10:50 – 12:24 (लाभ)
गोवर्धन पूजा (नया वर्ष / बेस्टु वर्ष)22 अक्टूबरबुधवारगोवर्धन पूजा, पहली खोलवाण का मुहूर्तसुबह 6:41 – 8:06 (लाभ)
सुबह 10:58 – 12:24 (शुभ)
भाई दूज23 अक्टूबरगुरुवारभाई-बहन का प्रेम पर्व
लाभ पांचम26 अक्टूबररविवारव्यापार आरंभ व शुभ कार्य का दिनसुबह 8:08 – 12:25 (चल, लाभ, अमृत)

पूजा विधि और रस्में

रात्रि में पूजा स्थान को स्वच्छ कर लें, लाल या पीला वस्त्र बिछाएँ, गणेश-लक्ष्मी मूर्ति स्थापित करें। हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, नैवेद्य आदि चढ़ाएँ। दीप जलाएँ और आरती करें। पूजन के बाद प्रसाद वितरित करें।

इस दिन स्थिर लग्न (जैसे वृषभ, सिंह, कुंभ आदि) में पूजा करने का विधान है। खासकर उस समय जब अमावस्या + प्रदोष योग हो — यही वो समय है जब शुभ फल प्राप्ति होती है।

दिल को छू लेने वाला त्योहार

मेरा बचपन याद आता है — मैं और मेरी बहन रंगोली बनातीं, घर की जाली खिड़कियाँ खोलकर हवा आने देती थीं, माता हमारे लिए नए कपड़े लाती थीं। जैसे ही शाम होती, हम दीपक लेकर घर-आँगन में चलते और गिनती करते — “एक, दो, तीन …” — हर कोने में उजाला फैलता। उस उजाले में, माँ की मुस्कान और पिता की आँखों में संतुष्टि — यही सबसे प्यारा दृश्य था।

Diwali 2025 भी वैसा ही होगा — घर-घर दीपों की रौशनी, मिठाइयों की मिठास, रिश्तों की गर्माहट। इस बार, समय का संयोग हमें यही सिखाता है कि उजाले को फैलाएँ, अज्ञान को मिटाएँ, और ज्ञान व समृद्धि की ओर कदम बढ़ाएँ।

Diwali 2025 एक ऐसा अवसर है जब हम अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा करें। 20 अक्टूबर की रात को शुभ मुहूर्त में पूजा करें, दीप जलाएँ, नौ रूपी खुशियाँ बाँटें और इस वर्ष को रौशनी से भर दें।

शुभ दीपावली!


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