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Dussehra Do and Don’t : दशहरा पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए

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Dussehra Do and Don’t : दशहरा पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए

Dussehra Do and Don’t: दशहरा के दिन गुप्त दान को सबसे शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति आती है और घर की दरिद्रता दूर होती है। जानें दशहरा के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

Dussehra Do and Don’t: दशहरा या विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह उत्सव भगवान राम की लंकापति रावण पर विजय और मां दुर्गा की महिषासुर पर जीत की याद दिलाता है।
इस साल 2025 में दशहरा 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा।

इस दिन शमी पूजन और शस्त्र पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि दशहरे पर कुछ कार्य करना अत्यंत शुभ माना गया है, जबकि कुछ कार्य अशुभ फल देने वाले होते हैं।

“अच्छाई की जीत, बुराई का अंत – यही है विजयादशमी का संदेश। शुभ दशहरा 2025!”

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Dussehra Do’s & Don’ts (क्या करें और क्या न करें) की सूची प्रस्तुत है

दशहरा पर क्या करना चाहिए (Do’s)

  1. गुप्त दान करें – दशहरा पर गुप्त दान को सबसे शुभ माना गया है। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि आती है।
  2. शमी के पेड़ की पूजा करें – शमी के पत्ते (सोने के प्रतीक) को माता लक्ष्मी को अर्पित करना और घर लाना शुभ माना जाता है।
  3. शस्त्र और वाहन पूजन – इस दिन अपने औजार, वाहन और कार्यस्थल के उपकरणों की पूजा करना सफलता और सुरक्षा लाता है।
  4. भगवान राम व मां दुर्गा की आराधना – भगवान राम की विजय और मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा करने से जीवन में विजय और शक्ति आती है।
  5. नकारात्मकता का दहन करें – रावण दहन के साथ-साथ अपने अंदर की बुराइयों (क्रोध, लोभ, अहंकार) को भी खत्म करने का संकल्प लें।

दशहरा पर क्या नहीं करना चाहिए (Don’ts)

  1. कर्ज लेना या देना – इस दिन ऋण लेन-देन करना अशुभ माना जाता है।
  2. बुराई करना या अपशब्द कहना – यह दिन अच्छाई की जीत का प्रतीक है, इसलिए नकारात्मक बातें करने से बचें।
  3. झगड़ा या विवाद न करें – परिवार या समाज में कलह करने से शुभ प्रभाव कम हो जाता है।
  4. कटु भोजन (लहसुन-प्याज) और नशे का सेवन – इस दिन सात्विक रहना ही श्रेष्ठ है।
  5. अंधकार में पूजा टालना – दशहरा की पूजा सूर्यास्त से पहले करना शुभ मानी जाती है।

दशहरा पर दान, पूजा और सकारात्मक संकल्प सबसे शुभ माने जाते हैं, जबकि विवाद, ऋण और अपवित्र आचरण से दूर रहना चाहिए।


Durga Ashtami or Navami “शक्ति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक, दुर्गा अष्टमी और नवमी की शुभकामनाएँ!”

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