Ethanol Alert

Ethanol Alert यूरोपीय संघ इथेनॉल को कर सकता है ‘कैंसरकारक’ घोषित

Videsh

Ethanol Alert यूरोपीय संघ इथेनॉल को कर सकता है ‘कैंसरकारक’ घोषित

Ethanol Alert EU की रिपोर्ट में इथेनॉल को संभावित कैंसरकारी और खतरनाक सैनिटाइज़र रसायन बताया गया। जानें क्या बदल सकता है नियम और इसका असर आम लोगों पर कैसा होगा।

कोविड-19 महामारी के दौरान जिस हैंड सैनिटाइज़र को हम सभी ने सुरक्षा का सबसे भरोसेमंद हथियार माना, अब उसी को लेकर यूरोपीय संघ (European Union) की एक नई रिपोर्ट ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इथेनॉल (Ethanol) — जो ज्यादातर हैंड सैनिटाइज़र्स में 60-80% तक पाया जाता है — को कैंसर पैदा करने वाले रसायन (Carcinogenic Substance) के रूप में क्लासिफाई किया जा सकता है।

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क्या कहती है रिपोर्ट?

यूरोपीय संघ की European Chemicals Agency (ECHA) के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इथेनॉल की लंबे समय तक और अत्यधिक इनहेलेशन (सांसों के ज़रिए शरीर में जाना) कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।
यदि ये प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है, तो इथेनॉल को आधिकारिक रूप से “Carcinogen Category 1” में रखा जा सकता है — यानी मनुष्यों में कैंसर पैदा करने वाला सिद्ध रसायन

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क्या हर इथेनॉल खतरनाक है?

जानकारों के अनुसार, खतरनाक प्रभाव शुद्धता (purity), exposure level और उपयोग की मात्रा पर निर्भर करता है।

  • मेडिकल ग्रेड इथेनॉल को फिलहाल नियंत्रित रूप में सुरक्षित माना जाता है
  • लेकिन कम गुणवत्ता वाले या दूषित इथेनॉल, खासकर मेथेनॉल से मिले हुए उत्पादों को बेहद खतरनाक माना जा रहा है

यहीं से हैंड सैनिटाइज़र को लेकर चिंता बढ़ती है — क्योंकि घरेलू व स्थानीय स्तर पर बने सस्ते सैनिटाइज़र में अक्सर अशुद्ध इथेनॉल का इस्तेमाल हो जाता है।

Ethanol Alert सैनिटाइज़र इस्तेमाल को लेकर उठे सवाल

  • अगर EU इस वर्गीकरण को आधिकारिक रूप से लागू करता है, तो
  • सैनिटाइज़र के फॉर्मूलेशन पर सख्त नियंत्रण लागू होगा
  • मेडिकल उत्पादों पर नियम बदल सकते हैं
  • कुछ प्रकार के सैनिटाइज़र बाज़ार से हटाए जा सकते हैं
  • बच्चों, प्रेग्नेंट वुमन और संवेदनशील लोगों के लिए गाइडलाइन अपडेट होगी

विश्वभर में मचेगी हलचल

EU की रिपोर्ट का प्रभाव केमिकल, हेल्थकेयर और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री पर भारी हो सकता है।
भारत सहित कई देशों में इथेनॉल बेस्ड सैनिटाइज़र बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं, ऐसे में ग्लोबल गाइडलाइंस में बदलाव का असर बाज़ार और लोगों की जीवनशैली दोनों पर पड़ सकता है।

क्या आम लोगों के लिए तुरंत खतरा है?

अभी के लिए विशेषज्ञों की सलाह है

  • प्रमाणित ब्रांडेड सैनिटाइज़र ही इस्तेमाल करें | अनसर्टिफाइड, लोकल या बिना लेबल वाले प्रोडक्ट्स से बचें | बच्चों के हाथ में सैनिटाइज़र बार-बार न दें | जरूरत होने पर साबुन और पानी से हाथ धोना बेहतर विकल्प है


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