Flight Toilets Smoking Banned : फ्लाइट में स्मोकिंग पूरी तरह से बैन है, फिर भी टॉयलेट्स में ऐशट्रे (ashtray) क्यों लगाए जाते हैं?
फ्लाइट के टॉयलेट में ऐशट्रे क्यों होते हैं? (Flight Toilets Smoking Banned)
✅ कानूनी अनिवार्यता (Legal Requirement)
हालांकि आज की लगभग सभी फ्लाइट्स में स्मोकिंग पर कड़ा प्रतिबंध है, फिर भी अंतरराष्ट्रीय एविएशन नियमों के तहत टॉयलेट में ऐशट्रे लगाना अनिवार्य है।
- FAA (Federal Aviation Administration – अमेरिका) और ICAO (International Civil Aviation Organization) के नियमों के अनुसार,
यदि कोई यात्री नियम तोड़कर टॉयलेट में स्मोक करता है,
तो उसके पास सिगरेट बुझाने का सुरक्षित विकल्प होना चाहिए।
🔥 क्या हो अगर ऐशट्रे न हो?
- यदि कोई यात्री टॉयलेट में सिगरेट पी ले और राख या जलती हुई सिगरेट डस्टबिन में फेंक दे, तो यह भीषण आग का कारण बन सकता है।
- प्लेन में आग लगना सबसे खतरनाक आपात स्थिति होती है, और कई पुराने हादसों में यह देखने को भी मिला है।
🛑 स्मोकिंग के बावजूद सुरक्षा क्यों जरूरी है? Flight Toilets Smoking Banned
- “बैन” होने का मतलब ये नहीं कि कोई गलती या उल्लंघन नहीं करेगा।
- इसलिए यह मानकर चलता है कि कोई नियम तोड़ सकता है, और उसके लिए सुरक्षित व्यवस्था पहले से होनी चाहिए।
🧠 रोचक तथ्य: Flight Toilets Smoking Banned
- साल 1973 में एक प्लेन (Varig Flight 820) में टॉयलेट में लगी आग के कारण 120 लोगों की जान गई थी।
इस घटना के बाद ही स्मोकिंग नियमों को सख्त किया गया और ऐशट्रे को अनिवार्य बनाया गया।
फ्लाइट के टॉयलेट्स में ऐशट्रे एक “बैकअप सेफ्टी फीचर” हैं।
ये यह मानकर लगाए जाते हैं कि यदि कोई यात्री नियम तोड़ भी दे, तो वह सिगरेट को सुरक्षित तरीके से बुझा सके, और आग की संभावना टाली जा सके।
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