“Ganesh Chaturthi 2025: “गणेश मूर्ति खरीदते समय भूल से भी न करें ये गलती, वरना बिगड़ सकती है किस्मत!”
“गणेश चतुर्थी 2025 नज़दीक… भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते वक्त भूल से भी न करें ये गलती, वरना जीवन पर पड़ सकता है बुरा असर!”
Ganesh Chaturthi पर्व 30 अगस्त 2025 को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। गणपति बप्पा को घर लाने से पहले हर भक्त मूर्ति खरीदता है, लेकिन शास्त्रों और वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो इसका असर आपके जीवन पर नकारात्मक भी पड़ सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, भगवान गणेश की सूँड दाईं ओर वाली मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए, इसे अत्यंत उग्र रूप माना जाता है। घर और परिवार की सुख-शांति के लिए हमेशा बाईं ओर सूँड वाली मूर्ति को ही लाना शुभ माना गया है।
इसके अलावा, गणेशजी की मूर्ति का आकार भी बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। छोटे और मध्यम आकार की मूर्ति परिवार में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। मूर्ति की बनावट और चेहरे के भाव प्रसन्नचित्त होने चाहिए, ताकि घर का वातावरण भी सकारात्मक रहे।
पंडितों का कहना है कि मूर्ति हमेशा मिट्टी या शुद्ध पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से बनी होनी चाहिए। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियाँ न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इन्हें शुभ नहीं माना जाता।
तो अगर आप इस बार गणेश चतुर्थी पर अपने घर बप्पा को आमंत्रित करने वाले हैं, तो इन छोटी-छोटी बातों का ज़रूर ध्यान रखें।
“Ganesh Chaturthi 2025: गणेशजी को प्रिय मोदक और मोतीचूर का विशेष भोग”
गणेश चतुर्थी 2025 (शनिवार, 30 अगस्त 2025)
भगवान गणेश को सबसे प्रिय मोदक और मोतीचूर लड्डू दोनों ही इस दिन विशेष भोग के रूप में चढ़ाए जाते हैं।
मोदक
- गणेशजी का सबसे प्रिय प्रसाद माना जाता है।
- महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में खास महत्व।
- 21 मोदक चढ़ाने की परंपरा।
- यह ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है।
मोतीचूर लड्डू
- उत्तर भारत और गुजरात में गणेशजी को मोतीचूर का लड्डू विशेष प्रिय है।
- इसे सुख, समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।
- त्योहार पर घर-घर में यह लड्डू बनता और प्रसाद रूप में बांटा जाता है।
Ganesh Chaturthi 2025 गणेशजी की फेवरिट चीज़ क्या है?
गणेश चतुर्थी 2025 पर गणेशजी को भोग लगाई जाने वाली उनकी फेवरिट चीज़ें 👇
Ganesh Chaturthi 2025 की प्रिय चीज़ें
- मोदक – गणेशजी का सबसे पसंदीदा प्रसाद, विशेषकर स्टीम्ड “उकडीचे मोदक”।
- लड्डू – खासकर मोतीचूर लड्डू, जो उत्तर भारत और गुजरात में प्रमुख हैं।
- दूध और घी – पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक।
- दूर्वा (घास) – तीन पत्तियों वाली दूर्वा गणेशजी को बेहद प्रिय है।
- लाल फूल (जैसे हिबिस्कस) – गणेशजी की पूजा में विशेष महत्व।
- फल – विशेषकर केला, नारियल और अनार।
✨ मान्यता है कि मोदक ज्ञान, समृद्धि और आनंद का प्रतीक है, इसलिए गणेशजी को “मोदकप्रिय” भी कहा जाता है।
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