“Ganpati Bappa Morya! जानें कब और कितने दिन बाद करना है गणेश विसर्जन 2025 में”
गणेश चतुर्थी पर घर में स्थापित गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन पूरे विधि-विधान से करना जरूरी होता है। यह विसर्जन आप अपनी सुविधा अनुसार चतुर्थी के दिन, अगले दिन, या फिर तीसरे, पांचवे, सातवें दिन कर सकते हैं।
Ganpati Bappa Morya! विसर्जन क्यों और कब करते हैं?
- रिवायत के अनुसार (10-दिवसीय उत्सव):
गणेशोत्सव आमतौर पर 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी (11वां दिन) पर गणपति विसर्जित किया जाता है। यह सबसे पारंपरिक और आम तरीका है। - अन्य विकल्प (परिवार की सुविधा के अनुसार):
कुछ लोग इसे 1-दिवसीय, 1.5-दिवसीय (अगले दिन), 3-दिवसीय, 5-दिवसीय, या 7-दिवसीय रूप में करते हैं, ख़ासकर छोटे परिवारों या व्यस्त समय में रहने वालों के लिए।

2025 में अनंत चतुर्दशी विसर्जन विवरण
- विसर्जन तिथि: शनिवार, 6 सितंबर 2025
- चतुर्दशी तिथि (Tithi):
आरंभ: 6 सितंबर सुबह 3:12 बजे
समाप्ति: 7 सितंबर रात 1:41 बजे - पूजा मुहूर्त (विशेष श्राद्ध):
सुबह 6:00 बजे से लेकर अगले दिन 1:41 बजे तक, यानी लगभग 19–20 घंटे का मुहूर्त अवधि है।
विसर्जन विकल्प | विवरण (2025 की तारीखों में) |
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10-दिवसीय उत्सव (अनंत चतुर्दशी) | मुख्य विसर्जन: 6 सितंबर 2025 (शनिवार) |
1-दिवसीय विसर्जन | गणेश चतुर्थी के अगले दिन (28 अगस्त) भी हो सकता है |
1.5-दिवसीय | गणेश चतुर्थी के अगले मध्याह्न या शाम को विसर्जन |
3 / 5 / 7-दिवसीय विकल्प | क्रमशः 29 अगस्त, 31 अगस्त, 2 सितंबर (अन्य वैकल्पिक दिन) |
मुहूर्त अवधि (6 सित. विसर्जन) | सुबह 6:00 बजे – अगले दिन 1:41 बजे (लगभग 19–20 घंटे लंबा) |
Ganpati Bappa Morya! सबसे अधिक प्रचलन है 10-दिवसीय उत्सव का और अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन, यानी 6 सितंबर 2025। इसके अलावा परिवार की सुविधा और समयानुसार 1-, 1.5-, 3-, 5- या 7-दिनों के विकल्प भी उपयोग में आते हैं। विशेष मुहूर्त समय: शाम 6:00 बजे से अगले इतवार की देर रात तक — एक लम्बा और शुभ मुहूर्त काल।
घर पर गणेश स्थापना पूजा विधि : Ganesh Sthapana Puja Vidhi
- “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश को घर में आमंत्रित करें।
- उन्हें फूलों की माला पहनाएं और ताजे फूल अर्पित करें।
- फिर गंगाजल या दूध से प्रतीकात्मक स्नान कराएं, फिर साफ जल से शुद्ध करें।
- बप्पा के माथे पर चंदन और रोली लगाएं, फिर हल्दी और अक्षत चढ़ाएं।
- अब घी का दीपक जलाएं और सुगंधित धूप अर्पित करें।
- परिवार के साथ मिलकर गणेश जी की आरती करें और हाथ जोड़कर विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करें।
- विसर्जन तक रोज़ विधिपूर्वक पूजा करें।
- दिन में कम से कम एक बार भजन या आरती अवश्य करें।
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