#H-1B #h1bvisa #narendramodi #rahulgandhi – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा शुल्क $1,000 से बढ़ाकर $100,000 कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह भारत के आईटी सेक्टर और युवाओं के लिए बड़ा झटका है। मनीष तिवारी, अशोक गहलोत और पवन खेड़ा ने पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाते हुए H-1B वीज़ा शुल्क $1,000 से बढ़ाकर सीधे $100,000 कर दिया है। इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर ने न केवल भारतीय आईटी सेक्टर बल्कि दोनों देशों के संबंधों पर भी नए सवाल खड़े कर दिए हैं। इस फैसले के बाद भारत के लाखों युवाओं, इंजीनियरों और आईटी पेशेवरों पर गहरा असर पड़ने की आशंका है।


H1-B Visa कांग्रेस का सीधा हमला
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बढ़ा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई संयोग नहीं है। “H-1B वीज़ा पर यह फैसला, पाकिस्तान के दबाव में समय से पहले सीज़फायर की घोषणा, पाकिस्तानी आर्मी चीफ का व्हाइट हाउस में सम्मान, 50% टैरिफ और सऊदी-पाक डिफेंस पार्टनरशिप – सब एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका भारत के प्रति आक्रामक रुख अपना रहा है और यह भारत-अमेरिका संबंधों के लिए शुभ संकेत नहीं है।”


अशोक गहलोत की चिंता
उदयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि ट्रंप की दोस्ती पर अब सवाल उठने लगे हैं। “एक तरफ वे दोस्ती की बातें करते हैं और दूसरी तरफ ऐसे आदेश जारी करते हैं जो भारत के खिलाफ हैं। 50% टैरिफ के कारण कई उद्योग संकट में हैं, लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।”
भारत का फायदा, अमेरिका का नुकसान?
विशेषज्ञों का मानना है कि H-1B वीज़ा पर इस तरह की पाबंदियां अमेरिका की इनोवेशन क्षमता को प्रभावित करेंगी। $100,000 फीस के कारण अधिकांश कंपनियां अब विदेशी टैलेंट नहीं रख पाएंगी। इससे गूगल, अमेज़न, फेसबुक, एप्पल और नेटफ्लिक्स जैसी बड़ी कंपनियां भी प्रभावित होंगी। विश्लेषकों का कहना है कि इससे भारत को फायदा हो सकता है क्योंकि अगली इनोवेशन की लहर बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और गुरुग्राम जैसे शहरों में देखने को मिलेगी। भारत के डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और स्टार्टअप्स देश की प्रगति और #विकसितभारत के सपने को गति देंगे।
पवन खेड़ा का हमला, राहुल गांधी का ज़िक्र
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि यह नया विकास नहीं है। “5 जुलाई 2017 को राहुल गांधी ने पीएम मोदी को चेतावनी दी थी कि ट्रंप ऐसा करने वाले हैं। लेकिन मोदी चुप रहे। आज परिणाम सबके सामने है। करोड़ों युवाओं का नुकसान होने जा रहा है। ट्रंप रोज़ भारत का अपमान कर रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी चुप हैं। राहुल गांधी ने उन्हें मौका दिया था कि वे संसद में कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, लेकिन उन्होंने नहीं कहा। आज पूरा देश उनसे सवाल पूछ रहा है।”
H1-B Visa अमेरिकी कंपनियों पर सीधा असर
H-1B वीज़ा की लागत $100,000 प्रति वर्ष होने से अमेरिका की शीर्ष टेक कंपनियों के लिए भारतीय टैलेंट हायर करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। जानकारों का कहना है कि यह कदम भारत को सीधे तौर पर निशाना बनाने के लिए उठाया गया है क्योंकि H-1B वीज़ा का सबसे बड़ा लाभ भारतीय पेशेवरों को ही मिलता है।

निष्कर्ष
ट्रंप के इस आदेश ने भारत-अमेरिका रिश्तों को नए मोड़ पर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं, वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भारत के लिए अवसर भी हो सकता है। जहां अमेरिका टैलेंट खोएगा, वहीं भारत अपनी इनोवेशन और स्टार्टअप्स को नई उड़ान दे सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार इस कूटनीतिक चुनौती का कैसे सामना करती है।
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