Hindu Temple : दुनिया में सिर्फ एक ऐसा देश है, जिसके राष्ट्रीय झंडे में एक हिंदू मंदिर क्या आप जानते हैं?
भारत नहीं नेपाल नहीं बल्कि इस देश के रास्ट्रीय ध्वज में है हिन्दू मंदिर । क्या आप जानते हैं? दुनिया में सिर्फ एक ऐसा देश है, जिसके राष्ट्रीय झंडे में एक हिंदू मंदिर को दर्शाया गया है — इन दोनों देशों में हिंदू धर्म की जड़ें गहरी हैं, फिर भी इनके राष्ट्रीय ध्वज में किसी हिंदू मंदिर को स्थान नहीं मिला।
Hindu Temple दुनिया में सबसे ज़्यादा हिंदू कहां?
Hindu Temple : पूरी दुनिया में हिन्दू धर्म की सर्वाधिक आबादी भारत में है। हिंदुस्तान में हिन्दुओं की जन संख्या लगभग 100 करोड़ से भी अधिक है। नेपाल सर्वाधिक हिन्दू की जनसंख्या के हिसाब से दूसरा बड़ा देश है। लेकिन एक देश ऐसा है, जिसके राष्ट्रीय ध्वज में हिन्दू मंदिर बना हुआ है और वो देश भारत या नेपाल नहीं, बल्कि कंबोडिया है!
इन दोनों देशों में हिंदू धर्म की जड़ें गहरी हैं, फिर भी इनके राष्ट्रीय ध्वज में किसी हिंदू मंदिर को स्थान नहीं मिला।
लेकिन कंबोडिया ने अपने झंडे में दिया अंगकोर वाट को स्थान!
- कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज के बीच में सफेद रंग में जो आकृति बनी है, वह है — अंगकोर वाट (Angkor Wat) मंदिर।
- यह मंदिर 12वीं शताब्दी में खमेर सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय ने बनवाया था, और यह भगवान विष्णु को समर्पित था।
बाद में यह बौद्ध धर्म का भी प्रमुख स्थल बना, लेकिन इसकी मूल वास्तुकला और भाव आज भी हिंदू संस्कृति की गौरवगाथा सुनाते हैं।
🇰🇭 कंबोडिया के ध्वज के केंद्र में बना है अंगकोर वाट — एक भव्य मंदिर, जिसे 12वीं शताब्दी में भगवान विष्णु को समर्पित कर बनवाया गया था। बाद में यह बौद्ध धर्म का भी प्रमुख स्थल बना, लेकिन इसकी मूल वास्तुकला आज भी हिंदू संस्कृति की गौरवगाथा कहती है।
यह झंडा सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और इतिहास का गर्वपूर्ण प्रतिनिधित्व है।
जब कोई देश अपने झंडे में मंदिर को जगह देता है, तो वह केवल ईंट-पत्थरों की नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और आत्मा की बात करता है।
Hindu Temple : कंबोडिया का झंडा क्यों खास है?
- यह झंडा विश्व का एकमात्र राष्ट्रीय ध्वज है जिसमें धार्मिक स्मारक (मंदिर) दर्शाया गया है।
- अंगकोर वाट सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि कंबोडिया की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आत्मा का प्रतीक है।
- यह मंदिर कंबोडिया की राष्ट्रीय अस्मिता, गर्व, और संस्कारों को झंडे के माध्यम से दुनिया के सामने पेश करता है।
कंबोडिया के झंडे में मंदिर अंगकोर वाट (Angkor Wat) को दर्शाने का एक बहुत गहरा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कारण है। आइए सरल और स्पष्ट रूप में समझते हैं:
✅ कंबोडिया के झंडे में मंदिर क्यों बना है?
- राष्ट्र की पहचान और गौरव का प्रतीक:
- अंगकोर वाट कंबोडिया की राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है, जिसे कंबोडियाई लोग अपनी सभ्यता, शक्ति और संस्कृति का गौरव मानते हैं।
- इतिहास से जुड़ाव:
- अंगकोर वाट 12वीं शताब्दी में खमेर साम्राज्य के समय बना था।
- यह साम्राज्य कंबोडिया के इतिहास का सबसे शक्तिशाली युग था, और मंदिर उसी युग की भव्यता को दर्शाता है।
- धार्मिक महत्व:
- यह मंदिर पहले हिंदू भगवान विष्णु को समर्पित था, बाद में बौद्ध धर्म का प्रमुख स्थल बन गया।
- आज भी यह बौद्धों के लिए पवित्र स्थल है। धर्म और आध्यात्मिकता कंबोडिया के जीवन का आधार हैं।
- राष्ट्रीय एकता का प्रतीक:
- अंगकोर वाट सभी कंबोडियाई लोगों को जोड़ता है – चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र से हों।
- इसे झंडे में दिखाना राष्ट्रीय एकता, गर्व और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
- दुनिया में अनोखा झंडा:
- यह झंडा दुनिया का अकेला झंडा है जिसमें किसी वास्तविक धार्मिक इमारत को केंद्र में दिखाया गया है।
- यह कंबोडिया की अद्वितीयता को दर्शाता है।’
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