Home Minister Amit Shah – देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही, हिंदू जनसंख्या में गिरावट की दी वजह
Home Minister Amit Shah: गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक बयान में कहा कि देश में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, जबकि हिंदुओं की जनसंख्या में लगातार कमी देखी जा रही है। शाह ने इसके पीछे जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता और समाज में जागरूकता की कमी को मुख्य वजह बताया।
11 अक्टूबर 2025: Home Minister Amit Shah
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने देश में बढ़ती जनसंख्या और उसके धार्मिक संतुलन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है, जबकि हिंदुओं की जनसंख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। शाह ने इस असंतुलन के लिए जागरूकता की कमी और जनसंख्या नियंत्रण कानून की अनुपस्थिति को प्रमुख कारण बताया।
अमित शाह ने यह बयान एक जनसभा के दौरान दिया, जहां वे जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक जिम्मेदारी पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में जिस तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है, वह आने वाले दशकों में सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
शाह का बयान
अमित शाह ने कहा –
“हम सभी को यह समझना होगा कि जनसंख्या केवल संख्या नहीं, बल्कि संसाधनों, शिक्षा और विकास से जुड़ा मुद्दा है। देश में कुछ समुदायों की आबादी तेजी से बढ़ रही है जबकि दूसरे समुदायों में गिरावट आ रही है। अगर इस असंतुलन को समय रहते नहीं संभाला गया, तो भविष्य में यह बड़ी चुनौती बन सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है और इसके लिए सभी राज्यों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं।

बढ़ती मुस्लिम आबादी पर चिंता Home Minister Amit Shah
शाह ने जनसंख्या के हालिया आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश में मुस्लिम आबादी का अनुपात बढ़ा है, जबकि हिंदुओं का प्रतिशत घटा है।
उन्होंने कहा –
“किसी भी देश की ताकत उसके जनसांख्यिकीय संतुलन में होती है। अगर यह संतुलन बिगड़ता है, तो समाज में असमानता और अस्थिरता बढ़ती है। इसलिए हमें एकसमान जनसंख्या नीति की जरूरत है जो सभी पर समान रूप से लागू हो।”
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा
अमित शाह ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण केवल धार्मिक या राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नीति का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि देश के संसाधनों का संतुलित वितरण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्थिर विकास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या का संतुलन नहीं रखा गया, तो शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में दबाव बढ़ेगा, जिससे विकास की गति धीमी पड़ सकती है।
विपक्ष का पलटवार
अमित शाह के इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि “देश को बांटने वाली राजनीति” की जगह सरकार को शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देना चाहिए।
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि शाह का यह बयान लोगों के बीच धार्मिक विभाजन बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि “जनसंख्या का मुद्दा सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि गरीबी और शिक्षा से जुड़ा है।”
Home Minister Amit Shah विशेषज्ञों की राय
जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में विभिन्न समुदायों के बीच जन्म दर में अंतर है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह अंतर घटा है।
भारतीय जनसंख्या आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की प्रजनन दर घटकर 2.3 हो गई है, जबकि हिंदू समुदाय की 1.9 के आसपास है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना चाहिए।
अमित शाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बहस तेज है। कुछ राज्यों ने पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। शाह ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य किसी धर्म या समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि एक संतुलित और स्थायी विकास मॉडल तैयार करना है।
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