India Imports Russian Oil : भारत ने रूसी तेल से मोड़ा मुंह, मचेगी महंगाई की सुनामी!
India Imports Russian Oil : भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे, तो इससे वैश्विक ऊर्जा बाज़ार पर गंभीर असर पड़ेगा — विशेषकर तेल की कीमतों, रूस की अर्थव्यवस्था, और विकासशील देशों की ऊर्जा सुरक्षा पर। आइए इसे आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से विस्तार से समझते हैं:
भारत रूसी तेल क्यों खरीदता है?
- रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर भारी प्रतिबंध लगाए।
- तब रूस ने एशियाई देशों को भारी डिस्काउंट पर कच्चा तेल बेचना शुरू किया।
- भारत को यह तेल अंतरराष्ट्रीय कीमतों से 20–30% सस्ता मिलता रहा, जिससे भारत को आर्थिक लाभ हुआ और मुद्रास्फीति नियंत्रित रही।
भारत अगर रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो क्या होगा?
1. वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी
- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है (केवल अमेरिका और चीन के बाद)।
- भारत रोज़ाना 1.6 मिलियन बैरल से ज़्यादा रूसी तेल खरीदता है (2024 के आंकड़े)।
- अगर भारत यह खरीद बंद करता है:
- तो वैश्विक डिमांड अन्य स्रोतों पर शिफ्ट होगी (सऊदी, इराक, UAE)।
- इससे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कमी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, और तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी।
- कच्चे तेल की कीमत $90–100 प्रति बैरल तक जा सकती है।
2. रूस की आर्थिक रीढ़ को झटका लगेगा
- रूस की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा तेल और गैस निर्यात पर आधारित है।
- भारत और चीन उसके दो सबसे बड़े ग्राहक हैं (भारत लगभग 20% रूसी तेल खरीदता है)।
- भारत की वापसी से रूस को ग्राहक ढूंढना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि:
- यूरोपियन यूनियन पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है।
- चीन पहले ही रियायती दर पर अधिकतम खरीद कर रहा है।
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3. भारत की ऊर्जा लागत बढ़ेगी
- रूस से सस्ते तेल ने भारत को रिफाइनिंग मार्जिन और पेट्रोल-डीजल पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद की।
- खरीद बंद करने पर:
- भारत को सऊदी, अमेरिका या अफ्रीका से महंगे दर पर तेल खरीदना होगा।
- घरेलू पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
- महंगाई और चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) पर असर पड़ेगा।
राजनीतिक और रणनीतिक असर
पश्चिमी देशों की नाराज़गी कम होगी India Imports Russian Oil
- भारत पर अमेरिका और G7 का दबाव रहा है कि वह रूस से व्यापार न करे।
- तेल खरीद रोकने से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार हो सकता है, खासकर G20 और UN जैसे मंचों पर।
चीन को बढ़त मिल सकती है India Imports Russian Oil
- भारत के हटने पर रूस और चीन की साझेदारी और गहरी हो सकती है।
- चीन रियायती तेल पर अकेले कंट्रोल करना चाहेगा, जिससे एशियाई शक्ति-संतुलन प्रभावित होगा।
India Imports Russian Oil : भारत के लिए दुविधा क्यों?
पक्ष में (बंद करने के) | विपक्ष में (न चालू रखने के) |
---|---|
पश्चिमी देशों की सराहना | तेल महंगा होगा, महंगाई बढ़ेगी |
नैतिक दृष्टिकोण (युद्ध का विरोध) | रूस पर निर्भरता घटेगी तो चीन बढ़ेगा |
अंतरराष्ट्रीय छवि बेहतर | ऊर्जा सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है |
यदि भारत रूसी तेल खरीदना बंद करता है तो:
- वैश्विक तेल बाज़ार में उथल-पुथल मच सकती है।
- रूस की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर होगा।
- भारत की घरेलू महंगाई और विदेशी व्यापार घाटा बढ़ सकता है।
- इससे चीन को रणनीतिक फायदा मिल सकता है।
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