भारत ने रचा नया इतिहास: ISRO-NASA का ‘निसार’ मिशन लॉन्च, अंतरिक्ष से रखेगा पृथ्वी पर पैनी नजर
नई दिल्ली: ISRO-NASA
भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों ISRO (इसरो) और NASA (नासा) ने मिलकर एक नया इतिहास रच दिया है। वर्षों की मेहनत और सहयोग के बाद, बहुप्रतीक्षित ‘NISAR’ मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। यह मिशन न केवल भारत की वैज्ञानिक क्षमता को एक नई ऊंचाई देता है, बल्कि पृथ्वी के बदलते स्वरूप और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में भी गेमचेंजर साबित होगा।
क्या है ‘NISAR’ मिशन?
NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) एक उन्नत पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Earth Observation Satellite) है, जिसे NASA और ISRO ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसका उद्देश्य पृथ्वी की सतह पर होने वाले सूक्ष्म बदलावों जैसे — भूस्खलन, हिमनदों का पिघलना, भूकंपीय गतिविधियां, जंगलों की कटाई, समुद्री स्तर में बदलाव — की उच्च सटीकता के साथ निगरानी करना है।
मिशन की खास बातें:
बिंदु | विवरण |
---|---|
🔸 नाम | NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) |
🔸 लॉन्च एजेंसी | NASA और ISRO (संयुक्त मिशन) |
🔸 लॉन्च स्थल | श्रीहरिकोटा, भारत |
🔸 उपग्रह का कार्यकाल | लगभग 3 से 5 वर्ष |
🔸 मुख्य उपयोग | पर्यावरणीय निगरानी, आपदा पूर्व चेतावनी, जलवायु परिवर्तन अध्ययन |
ISRO-NASA कैसे काम करता है NISAR?

NISAR में दो प्रकार के रडार होते हैं —
- L-बैंड रडार (NASA द्वारा विकसित)
- S-बैंड रडार (ISRO द्वारा विकसित)
इन दोनों रडार की मदद से यह उपग्रह पृथ्वी की सतह की मिलीमीटर स्तर तक की हलचल को भी पकड़ सकता है। चाहे वो हिमालय में ग्लेशियर का खिसकना हो या समुद्री तूफान से पहले की जल-सरंचना — ‘निसार’ हर बदलाव को रिकॉर्ड करेगा और पृथ्वी के “रीयल टाइम डेटा” को दुनिया भर के वैज्ञानिकों तक पहुंचाएगा।
ISRO-NASA मिशन का वैश्विक महत्व
- जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद
- भूकंप और बाढ़ जैसी आपदाओं की प्रारंभिक चेतावनी
- खेती और जल प्रबंधन में सुधार
- ग्लोबल वार्मिंग पर सटीक वैज्ञानिक आंकड़े
इस मिशन की मदद से नीति निर्धारण, आपदा प्रबंधन और जलवायु संबंधी वैश्विक प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।
ISRO-NASA भारत की उपलब्धि, दुनिया की सराहना
ISRO की इस सफलता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई वैज्ञानिक और नेता सराह रहे हैं। यह मिशन भारत की बढ़ती अंतरिक्ष शक्ति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है।
ISRO प्रमुख ने कहा, “NISAR हमारे लिए एक गौरव का क्षण है। इससे पृथ्वी के रहस्यों को समझने और मानवता की सेवा में विज्ञान के उपयोग को नई गति मिलेगी।”
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