Indian Fashion 14c to 21c भारतीय महिलाओं के फैशन का विकास: परंपरा से ग्लोबल ट्रेंड तक का अनोखा सफर
भारतीय महिलाओं का फैशन कैसे घूंघट और साड़ी से शुरू होकर इंडो-वेस्टर्न और सस्टेनेबल फैशन तक पहुंचा? जानें इसका पूरा विकास — संस्कृति, सिनेमा और आधुनिक सोच के प्रभाव के साथ।
Indian Fashion 14c to 21c भारतीय महिलाओं के फैशन का विकास
भारतीय फैशन का इतिहास सिर्फ कपड़ों का नहीं, बल्कि संस्कृति, पहचान और स्वतंत्रता की सोच का भी विकास है। भारतीय महिलाओं का पहनावा समय के साथ समाज, सिनेमा और ग्लोबल exposure के प्रभाव से बदला है — लेकिन rooted हमेशा अपनी भारतीयता से ही रहा है।
प्राचीन और मध्यकालीन दौर
भारत में महिलाओं का पारंपरिक पहनावा साड़ी, घूंघट और लहंगा-चोली था।
- यह पहनावा सिर्फ सौंदर्य नहीं, संस्कार का प्रतीक माना जाता था । कपड़ों में अधिकतर कॉटन, सिल्क और हैंडवोवन फैब्रिक का उपयोग होता था। क्षेत्र के अनुसार स्टाइल बदलता था। बनारसी साड़ी, कांजीवरम, गोटा-पत्ती लहंगा, फुलकारी दुपट्टा आदि

स्वतंत्रता आंदोलन और बदलाव की शुरुआत
गांधी आंदोलन के समय खादी एक विचारधारा बनी। महिलाओं ने साड़ियाँ इस अंदाज़ में पहनना शुरू किया, जो आरामदायक और सादगीपूर्ण हो।
- यहाँ से “simplicity is elegance” philosophy शुरू हुई
- यह पहला मोड़ था, जब फैशन statement नहीं, expression बना
60s–90s: बॉलीवुड का स्वर्ण युग
Cinema ने फैशन को सीधे घर-घर पहुँचाया
- मधुबाला और नरगिस ने grace और elegance को define किया
- हेमा मालिनी, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित ने “बोल्ड लेकिन भारतीय” फैशन को रफ्तार दी
- 90s में अर्जुन स्टाइल साड़ी, पतियाला सूट और शिफॉन साड़ी iconic बन गई
2000s: Indo-Western का युग
इस दौर ने पहली बार Fashion को “Global Language” बनाया
- कुर्ती + जींस
- अनारकली सूट
- fusion शर्ट + शरारा
- बेल्ट वाली साड़ी
- crop टॉप + लहंगा
Comfort + Glamour = New Indian Fashion Identity
आज का दौर: स्वतंत्रता और Sustainability
आज का Indian Women Fashion सबसे ज़्यादा inclusive & expressive है
- साड़ी को Cape, Jacket और बेल्ट के साथ styling
- Office + Festive दोनों के लिए wearable fashion
- Zero Waste & Organic fashion का trend
- Global runways पर भी Indian designers की धूम
भारतीय महिलाओं का फैशन एक सफर है — घूंघट से Global Ramp तक, जहाँ हर दौर ने उसे और ज्यादा powerful और expressive बनाया। यह केवल कपड़ों का बदलाव नहीं, बल्कि महिलाओं की सोच और स्वतंत्रता का reflection है।
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