Indian Real Hero : अंतरिक्ष में कई दिनों तक रहने के बाद उनका अब क्या हेल्थ चेकअप होगा आइये जानते है
अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटता है, तो उसे सबसे पहले मेडिकल ऑब्जर्वेशन और हेल्थ चेकअप प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। शुभांशु शुक्ला के मामले में भी यही प्रोटोकॉल फॉलो किया जा रहा है, भले ही उनका मिशन ISRO के तहत रहा हो या स्पेसX के सहयोग से। अगर स्पेसX के जरिए वापसी हुई है (जैसे ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से), तो उनकी पोस्ट-लैंडिंग मेडिकल प्रक्रिया कुछ इस तरह होगी:
- कैप्सूल लैंडिंग के तुरंत बाद:
- रिकवरी टीम उन्हें कैप्सूल से निकालकर स्ट्रेचर पर या सीधे मेडिकल युनिट में लेकर जाएगी।
- उनका ब्लड प्रेशर, हृदय गति, और ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा।
- हाइड्रेशन स्टेटस और थर्मल स्टेट यानी शरीर का तापमान संतुलन भी जांचा जाएगा।
- शुरुआती जांच के बाद:
- उन्हें एक विशेष मेडिकल फैसिलिटी या मोबाइल क्लिनिक में ले जाया जाएगा।
- अंतरिक्ष में वज़नहीनता के कारण हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम पर पड़े असर का परीक्षण किया जाएगा।
- मेडिकल ऑब्जर्वेशन कम से कम 24 से 48 घंटे तक चलता है, कभी-कभी इससे ज्यादा भी।
- रिकवरी और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम:
- लंबे मिशन के बाद स्पेस यात्रियों को रिहैबिलिटेशन की ज़रूरत होती है ताकि वे गुरुत्वाकर्षण के वातावरण में शरीर को दोबारा ढाल सकें।
- एक्सरसाइज, फिजियोथेरपी और संतुलित आहार इस दौरान महत्वपूर्ण होते हैं।
अगर शुभांशु शुक्ला का मिशन स्पेसX और ISRO दोनों के सहयोग से रहा है, तो मेडिकल जांच संभवत: स्पेसX टीम के अमेरिकी डॉक्टर्स और ISRO के विशेषज्ञों के संयुक्त पर्यवेक्षण में होगी।
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