Kalank Chauth 2025: कलंक चौथ पर चांद देखने की है मनाही, जानें सही तिथि, पूजा का समय और मान्यता
कलंक चतुर्थी / कलंक चौथ 2025 : तिथि, समय, मान्यता और महत्व
तिथि और समय (Kalank Chauth 2025 Date & Time)
तारीख : 24 अगस्त 2025 (रविवार) चतुर्थी तिथि आरंभ : 24 अगस्त, प्रातः 07:36 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त : 25 अगस्त, प्रातः 05:14 बजे
धार्मिक महत्व Kalank Chauth 2025
यह दिन गणेश भगवान और चंद्रमा की पूजा का है। इस व्रत को रखने से झूठे आरोप और कलंक से मुक्ति मिलती है। व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह व्रत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह प्रतिष्ठा और मान-सम्मान की रक्षा करता है। संतान की दीर्घायु और परिवार में सुख-समृद्धि की भी कामना की जाती है।
पूजन विधि संक्षेप में
प्रातः स्नान कर गणेशजी और चंद्रमा का पूजन करें। व्रत का संकल्प लें। दुर्वा, मोदक और लाल फूल से गणपति का पूजन करें। चंद्रमा को अर्घ्य दें (परंतु दर्शन न करें)। व्रत कथा सुनकर व्रत का समापन करें।
कलंक चौथ व्रत कथा (Kalank Chauth Vrat Katha)
कलंक चौथ जिसे भद्र चौथ भी कहा जाता है, उससे जुड़ी एक पौराणिक कथा प्रचलित है।
व्रत कथा
एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा – “हे स्वामी! कलंक चतुर्थी का व्रत करने का क्या फल है और इसका क्या महत्व है?” तब भगवान शिव ने कहा – “हे पार्वती! कलंक चौथ का व्रत करने से मनुष्य झूठे आरोप और अपयश से मुक्त हो जाता है। यह व्रत प्रतिष्ठा की रक्षा करने वाला है।”
भगवान शिव ने पार्वती को एक प्राचीन घटना सुनाई – द्वापर युग में एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने अनजाने में कलंक चौथ के दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया। उसी समय ऋषियों ने उन्हें शाप दिया कि – “आज के दिन जो कोई चंद्रमा को देखेगा, उस पर झूठा कलंक लगेगा।”

इसके बाद भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी का झूठा आरोप लगा। पूरा द्वारका नगर यही मानने लगा कि श्रीकृष्ण ने मणि चुरा ली है। अंततः जब यह सत्य सामने आया कि चोरी श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि कोई और ही व्यक्ति ने की थी, तब सबको इस शाप का महत्व समझ में आया।
भगवान शिव ने कहा – “इसी कारण कलंक चौथ के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। इस दिन केवल चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए, परंतु उनका दर्शन नहीं करना चाहिए। इस व्रत को करने से मनुष्य झूठे कलंक से बचा रहता है और जीवन में यश-कीर्ति की प्राप्ति करता है।”
Kalank Chauth 2025 पर चांद क्यों नहीं देखते?
मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को देखने से झूठा कलंक लग सकता है। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी का झूठा आरोप तभी लगा था जब उन्होंने इस दिन चंद्रमा को देखा था। इसी कारण इसे “कलंक चौथ” या “भद्र चौथ” कहा जाता है।
इसलिए कलंक चौथ का व्रत और पूजा 24 अगस्त, रविवार को की जाएगी।
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