Karanj Tel Diya करंज तेल के दीपक जलाने का विज्ञान और परंपरा करंज तेल के दीपक जलाने का विज्ञान और परंपरा
Karanj Tel Diya करंज तेल के दीपक जलाने का विज्ञान और परंपरा दिवाली पर करंज तेल का दीपक क्यों जलाया जाता है? जानिए करंज तेल के आयुर्वेदिक, धार्मिक और वैज्ञानिक फायदे — नज़र दोष, नेगेटिव एनर्जी और बीमारियों से बचाव के लिए इसे शुभ माना जाता है। जानिए दिवाली पर करंज के तेल का महत्व और चमत्कारी फायदे
करंज तेल के दीपक का दिवाली पर महत्व क्यों है?
दिवाली केवल रोशनी का उत्सव नहीं, बल्कि ऊर्जा, शुद्धता और स्वास्थ्य से जुड़ी एक वैज्ञानिक परंपरा भी है। घी और तिल तेल के साथ-साथ करंज तेल का दीपक जलाने की परंपरा खासतौर पर गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में गहरी आस्था के साथ निभाई जाती है। करंज (Pongamia pinnata) एक औषधीय पेड़ है जिसके बीज से यह तेल निकाला जाता है। इसे आयुर्वेद में “दोषनाशक” तेल कहा गया है।
करंज तेल जलाने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
✅ नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है
करंज तेल जलाने से वातावरण में ऐसी सुगंधीय धूम निकलती है जो नकारात्मक शक्तियों और नज़र दोष को खत्म करती है।
✅ कीटाणु, मच्छर और वायरस से सुरक्षा
करंज तेल प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल होता है। इसलिए इसे दीपावली की सफाई के बाद वातावरण को पूर्णत: शुद्ध करने के लिए जलाया जाता है।
✅ राहु-केतु दोष से मुक्ति
ज्योतिष के अनुसार, करंज तेल का दीपक राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करता है और ग्रह-बाधा दूर करता है।
✅ धन आकर्षण और घर में स्थाई लक्ष्मी ऊर्जा
‘स्कंद पुराण’ में इसका उल्लेख है कि अमावस्या और दिवाली के दिन करंज तेल का दीपक जलाने से स्थाई लक्ष्मी का वास होता है।
करंज तेल के अन्य आयुर्वेदिक फायदे
- त्वचा विकारों जैसे एक्ज़िमा, फंगल इंफेक्शन में उपयोगी
- जोड़ों के दर्द में मालिश करने से तुरंत आराम
- बालों के झड़ने और डैंड्रफ में लाभदायक
- हवा को शुद्ध करके फेफड़ों के स्वास्थ्य में मददगार
दिवाली पर करंज तेल का दीपक कब और कहाँ जलाना चाहिए?
दिन | स्थान | लाभ |
---|---|---|
धनतेरस | मुख्य द्वार या तिजोरी | लक्ष्मी आकर्षण |
नरक चतुर्दशी | घर के कोने | नकारात्मक ऊर्जा दूर |
दीवाली रात | उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) | शांति और समृद्धि |
गोवर्धन पूजा | रसोईघर | अन्नपूर्णा देवी का आशीर्वाद |
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