Kartavya Bhavan Inauguration: PM मोदी ने किया ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन, जानिए क्या है इसकी खासियत
Kartavya Bhavan Inauguration नई दिल्ली, 6 अगस्त 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली में भारत सरकार के एक और महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र — ‘कर्तव्य भवन’ (Kartavya Bhavan) — का औपचारिक उद्घाटन किया। इस भवन का निर्माण आधुनिक प्रशासनिक जरूरतों और भविष्य की सोच को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह भवन न केवल सरकारी कामकाज की दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि सतत विकास और टेक्नोलॉजी के समावेश का भी प्रतीक है।
कहां स्थित है ‘कर्तव्य भवन’?
कर्तव्य भवन का निर्माण नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है। यह साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक के बीच स्थित है और पुराने शास्त्री भवन की जगह पर बनाया गया है।

कर्तव्य भवन की खास बातें:
1. हरित और ऊर्जा-सक्षम भवन (Green Building)
- यह एक 5-Star GRIHA (Green Rating for Integrated Habitat Assessment) रेटेड इको-फ्रेंडली इमारत है
- भवन में सोलर पैनल, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और नैचुरल वेंटिलेशन की सुविधा है
2. डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाता भवन
- अत्याधुनिक IT इन्फ्रास्ट्रक्चर, पेपरलेस ऑफिस सिस्टम, डिजिटल मीटिंग रूम
- सभी विभागों को एकीकृत नेटवर्क से जोड़ा गया है
3. संयुक्त मंत्रालय भवन
- इसमें करीब 12 मंत्रालयों के विभागों को एक ही छत के नीचे लाया गया है
- इससे फाइल मूवमेंट तेज़ होगा और विभागीय समन्वय में सुधार आएगा
4. कर्मचारियों के लिए आधुनिक सुविधाएं
- कैफेटेरिया, वेलनेस सेंटर, क्रेच, डिजिटल लाइब्रेरी और विश्राम कक्ष
- विकलांगों के अनुकूल डिज़ाइन (Divyang Friendly Infrastructure)
5. सुरक्षा और निगरानी
- अत्याधुनिक AI-बेस्ड सुरक्षा सिस्टम, 24×7 CCTV निगरानी, बायोमेट्रिक एक्सेस
- आपदा प्रबंधन के लिहाज़ से भूकंपरोधी संरचना

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
“कर्तव्य भवन सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि यह नए भारत की कार्य संस्कृति का प्रतीक है। यह प्रशासनिक सुधारों और जनसेवा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि:
“आज का भारत अपने दायित्वों को समझता है, और ‘कर्तव्य’ के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। इसी भावना को यह भवन जीवंत करता है।”
Kartavya Bhavan क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह ब्यूरोक्रेसी को केंद्रीकृत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है
- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राजपथ से कर्तव्य पथ तक का बदलाव पहले ही हो चुका है — अब उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए ‘कर्तव्य भवन’ अस्तित्व में आया है
- यह भवन विजन @2047 यानी भारत के अमृतकाल की योजनाओं को समर्पित है
‘कर्तव्य भवन’ सिर्फ एक नई इमारत नहीं है, बल्कि यह भारत की प्रशासनिक सोच, डिजिटलीकरण और जिम्मेदारी-प्रधान कार्यसंस्कृति की एक नई दिशा है। यह दर्शाता है कि अब भारत कर्तव्यों के प्रति समर्पित होकर, जनहित और राष्ट्रनिर्माण की भावना से आगे बढ़ रहा है।
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