Karwa Chauth 2025 : स्त्री का संकल्प और समर्पण – लोककथाओं में छिपा है व्रत का चमत्कार
Karwa Chauth 2025 श्रद्धा और विश्वास से किया गया व्रत सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि स्त्री की अटूट शक्ति का प्रतीक है। करवा चौथ की कथाएँ स्त्री के सतीत्व, समर्पण और आस्था की ऐसी गाथाएँ हैं, जो आज भी रिश्तों को नई ऊर्जा देती हैं।
1️⃣ द्रौपदी की कथा : संकट में विश्वास का दीपक
जब अर्जुन नीलगिरि पर्वत पर तपस्या कर रहे थे, द्रौपदी व्याकुल थीं। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें करवा चौथ का व्रत करने का उपदेश दिया। द्रौपदी ने चन्द्रमा की पूजा की, और परिणाम स्वरूप पांडवों को विजय प्राप्त हुई। यह कथा सिखाती है कि सच्ची निष्ठा से किया गया व्रत असंभव को संभव बना सकता है।
2️⃣ देव पत्नियों की कथा : आस्था से मिली देवताओं को विजय
देव-दानव संग्राम में जब देवता पराजित हो रहे थे, तब ब्रह्माजी की प्रेरणा से देव पत्नियों ने कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कठोर उपवास किया। उनकी सच्ची निष्ठा और व्रत की शक्ति से ही देवताओं ने विजय प्राप्त की। यह कथा बताती है कि स्त्री की आस्था समूचे ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करती है।
3️⃣ सावित्री-सत्यवान की कथा : सतीत्व की अजेय शक्ति
सावित्री अपने पति सत्यवान से गहरा प्रेम करती थीं। जब यमराज उनके पति के प्राण लेने आए, तो सावित्री ने अपने तप और पतिव्रता धर्म से उन्हें प्रसन्न कर लिया। परिणामस्वरूप सत्यवान को पुनः जीवन मिला। यह कथा सिखाती है कि प्रेम और समर्पण मृत्यु को भी पराजित कर सकते हैं।
4️⃣ करवा की कथा : निष्ठा जो यमराज को भी झुका दे
करवा नामक स्त्री अपने पति से असीम प्रेम करती थी। जब मगरमच्छ ने उसके पति को पकड़ लिया, तो करवा ने अपने सतीत्व बल से उसे सूत के धागे में बांध दिया। यमराज से प्रार्थना कर उसने अपने पति को मृत्यु से बचा लिया। यह कथा दिखाती है कि पतिव्रता नारी की दृढ़ निष्ठा ईश्वर को भी विवश कर सकती है।
5️⃣ वीरावती की कथा : गलती से सीख और व्रत की महिमा
वीरावती सात भाइयों की लाड़ली बहन थी। पहले करवा चौथ पर भूख-प्यास से बेहोश होती देख भाइयों ने छल से दीपक दिखाकर उसे व्रत तोड़ने को कहा। व्रत खंडित होने से उसके पति पर विपत्ति आई। बाद में वीरावती ने सच्चे मन से पुनः व्रत किया और चन्द्रदेव से वरदान पाकर अपने पति का जीवन बचाया। यह कथा बताती है कि पश्चाताप और निष्ठा से हर गलती सुधारी जा सकती है।
करवा चौथ – श्रद्धा का विज्ञान, समर्पण की शक्ति
जब स्त्री की आंतरिक ऊर्जा संकल्प और व्रत के माध्यम से एक दिशा में केंद्रित होती है, तो वह ब्रह्मांड में ऐसी शक्ति उत्पन्न करती है जो असंभव को संभव बना देती है। यही है करवा चौथ का असली अर्थ – समर्पण, प्रेम और अटूट विश्वास की पराकाष्ठा।
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