Thursday, December 25, 2025
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KGMU: महंगी जांचों का 10 साल का फिर से अनुबंध, कई जांचों की लागत निजी अस्पतालों से भी अधिक

KGMU: केजीएमयू में जांच दरों का परीक्षण या टेंडर नहीं निकाला गया। महंगी जांचों का ठेका दस वर्ष और बढ़ा दिया गया है।

केजीएमयू में मरीजों को फिर से महंगी जांचें दी गई हैं। University of Virginia में बिना टेंडर पीपीपी मॉडल पर 10 वर्ष से जांच करने वाली फर्म का ठेका 10 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। न तो जांच दरों का परीक्षण किया गया और न ही कोई टेंडर जारी किया गया।

KGMU: केजीएमयू विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां करीब साढ़े चार हजार बेड हैं। ओपीडी में हर दिन छह से आठ हजार मरीज आते हैं। रोजाना लगभग पांच हजार मरीजों की खून संबंधी जांच की आवश्यकता होती है। केजीएमयू खुद की बहुत सी मशीनरी है। 2015 में मशीन और धन की कमी बताते हुए निजी फर्म पीपीपी मॉडल पर जांच के लिए नियुक्त किया गया।

केजीएमयू और संस्थान के बीच हुए समझौते के अनुसार, दोनों संस्थानों ने मरीजों की जांच की लागत में समान हिस्सा लिया था। फर्म पचास प्रतिशत राशि लेकर मुनाफा कमा रही है। इसके अलावा, केजीएमयू को सीधे तौर पर बाकी धनराशि दी जाती है। लाभ के दो भाग होने से जांचों की लागत बहुत अधिक होती है। मरीज इसका खामियाजा भुगतान कर रहे हैं।

KGMU: मशीनों की लागत चार गुना बढ़ी

इस साल केजीएमयू को सरकार से मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए चार गुना अधिक 350 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। इससे जांच उपकरण खरीदना होगा। उम्मीद थी कि केजीएमयू मरीजों को सस्ती जांचों का लाभ देगा और खुद की मशीन लगाएगा। केजीएमयू नई मशीनें खरीद रहा है, लेकिन पीपीपी मॉडल को फिर से जांच के लिए ठेका दिया गया।

KGMU: निजी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में केजीएमयू की जांच अधिक महंगी हैं

सरकार केजीएमयू को हर साल औसतन एक हजार करोड़ रुपये देती है। यहां, एरा और इंटीग्रल जैसे निजी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में पैथालॉजी जांच काफी महंगी है। केजीएमयू में डॉक्टर से परामर्श लेना भले ही महंगा हो, मरीज की हालत खराब हो जाती है।

KGMU: मेरे कार्यकाल में ठेका बढ़ाया नहीं गया

केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि कम से कम शुल्क पर जांच का लाभ देना उनका लक्ष्य है। ठेके की अवधि को बढ़ाने की चर्चा हो रही है, मेरे ज्वॉइन करने से पहले ही बढ़ाया गया था। एमओयू की शर्तों की जांच के बिना कुछ भी कहना असंभव है।

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