मादक पदार्थों को लेकर सामाजिक अभियान तक हरियाणा#haryanadrugsnews #haryanadrugscontrol मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए हरियाणा का बहुआयामी दृष्टिकोण
चंडीगढ़, 15 मई– हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि राज्य ने मादक पदार्थों की तस्करी और मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा और सामुदायिक नेतृत्व को एकीकृत करते हुए एक व्यापक सरकारी रणनीति अपनाई है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल जब्ती और गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि प्रणालीगत रोकथाम और दीर्घकालिक पुनर्वास है।”
मादक पदार्थों एक व्यापक नशा विरोधी अभियान
केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एनसीओआरडी (ड्रग कानून प्रवर्तन के लिए राष्ट्रीय समन्वय तंत्र) की 8वीं शीर्ष समिति की बैठक में भाग लेते हुए डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में एक व्यापक नशा विरोधी अभियान ड्रग-फ्री हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0 शुरू किया है।
इस प्रमुख कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने स्वयं सिरसा में हरी झंडी दिखाई और 5 अप्रैल से 27 अप्रैल, 2025 के बीच सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। “नशा मुक्त हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0” नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामूहिक संकल्प का एक शक्तिशाली प्रतीक बनकर उभरा है, जिसमें सरकारी अधिकारियों, स्थानीय नेताओं, महिलाओं, युवाओं और ग्राम समुदायों की उत्साही भागीदारी देखी गई।
सभी जिलों में 2,010 किलोमीटर से अधिक की प्रभावशाली दूरी तय करते हुए, साइक्लोथॉन को भारी जन समर्थन मिला, जिसमें 7,23,568 लोग विभिन्न अभियान कार्यक्रमों में शामिल हुए और 4,56,004 साइकिल चालक सक्रिय रूप से आंदोलन में शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि “मानस हेल्पलाइन” (1933) को पूरे राज्य में चालू कर दिया गया है, जिसमें जिला और राज्य दोनों स्तरों पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एनसीबी चंडीगढ़ के सहयोग से ओरिएन्टेशन सेशन आयोजित किए गए हैं, और सभी प्रमुख विभागों को अपनी आईईसी सामग्री में हेल्पलाइन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं।
मादक पदार्थों की वाणिज्यिक मात्रा
डॉ. मिश्रा ने बताया कि जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच हरियाणा में एनडीपीएस अधिनियम के तहत 143 मामले दर्ज किए गए, जिनमें मादक पदार्थों की वाणिज्यिक मात्रा शामिल थी। कुल 332 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 145 अंतर-राज्यीय तस्कर शामिल थे।
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जब्त की गई सामग्री में 1.5 किलोग्राम हेरोइन, 40 किलोग्राम चरस, 904 किलोग्राम गांजा, 50 किलोग्राम अफीम, 5,874 किलोग्राम पोस्त, 91,000 से अधिक गोलियां, 1,604 बोतलें और लगभग 48,000 कैप्सूल शामिल हैं, जो राज्य में अवैध नशीली दवाओं के व्यापार के व्यापक पैमाने को दर्शाता है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि हरियाणा सरकार ने अंबाला, हिसार, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद और पानीपत जिलों में आठ विशेष फास्ट ट्रैक नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) विशेष अदालतें भी स्थापित की हैं। अन्य जिलों में भी ऐसे विशेष न्यायालय स्थापित करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि इन न्यायालयों की स्थापना उक्त अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई में तेजी लाने, समय पर निर्णय सुनिश्चित करने और एक मजबूत न्यायिक तंत्र के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए की गई है।
इसके अलावा, मादक पदार्थों के अपराधियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति से जुड़े 143 मामलों को वित्तीय जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा गया है। समन्वित खुफिया जानकारी और संयुक्त अभियान सुनिश्चित करने के लिए राज्य अपराध शाखा द्वारा प्रमुख जब्ती का विवरण देने वाली मासिक मास्टर रिपोर्ट (एमएमआर) नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ साझा की जाती है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. मिश्रा ने बताया कि हरियाणा एनसीओआरडी पोर्टल और निदान प्रणाली (गिरफ्तार नार्को अपराधियों पर राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी लाभ उठा रहा है।
उन्होंने राज्य के अग्रणी नशा-मुक्त पंचायत/वार्ड अभियान पर जोर दिया, जो क्षेत्रों को केवल तभी “नशा-मुक्त” प्रमाणित करता है जब कोई सक्रिय तस्कर न हो और सभी ज्ञात नशेड़ी उपचार प्राप्त कर रहे हों। मार्च 2025 तक 4,054 पंचायतें (55.32%) और 859 वार्ड (42.31%) नशा मुक्त स्थिति प्राप्त कर चुके हैं।
प्रशिक्षित पुलिस प्रशिक्षकों के माध्यम से 2,515 गांवों में संचालित “युवाओं के लिए खेल” पहल, अनुशासन, फिटनेस और कानून प्रवर्तन के साथ सकारात्मक संबंध को बढ़ावा देने के लिए नियमित खेल गतिविधियों में 1.96 लाख से अधिक युवाओं को शामिल कर रही है।
नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सेवा (SEWA) उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिला-स्तरीय प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। शिक्षा विभाग छात्रों के नेतृत्व वाले प्रहरी क्लबों के माध्यम से नशा विरोधी जागरूकता को बढ़ावा देता है।
हरियाणा उदय कार्यक्रम ने जनवरी और अप्रैल 2025 के बीच 2,482 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं और 1,637 नशा विरोधी समाचारों के प्रकाशन की सुविधा प्रदान की है, जो 16.5 लाख से अधिक लोगों तक पहुँचे हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) वायरल “नशा मुक्त जीवन बकेट चैलेंज” जैसे अभिनव सामाजिक अभियानों का नेतृत्व कर रहा है, जिसे ऑनलाइन 50 लाख से अधिक बार देखा गया है। एक अन्य प्रभावशाली पहल, नमक लोटा अभियान (हृदय परिवर्तन अभियान), छोटे-मोटे ड्रग अपराधियों को सांस्कृतिक रूप से प्रतीकात्मक अनुष्ठान में सार्वजनिक रूप से व्यापार को त्यागने के लिए प्रोत्साहित करता है और उन्हें पुनर्वास, कौशल प्रशिक्षण और समाज में पुनः एकीकरण के साथ सहयोग देता है।
डॉ. मिश्रा ने आगे बताया कि हरियाणा अपनी राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) को बेहतर बना रहा है ताकि सिंथेटिक दवाओं का बेहतर तरीके से पता लगाया जा सके और उनका विश्लेषण किया जा सके तथा प्रवर्तन एजेंसियों को पहले से ही अलर्ट जारी किया जा सके।
सिंथेटिक दवाओं की जब्ती को तत्काल ध्यान देने के लिए चिह्नित किया जाता है, तथा संगठित ड्रग तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य की बहु-स्तरीय रणनीति के हिस्से के रूप में सक्रिय अलर्ट जारी किए जाते हैं।
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