नरेन्द्र मोदी vs इंदिरा गाँधी (Narendra Modi vs Indira Gandhi)
Hetal
Narendra Modi vs Indira Gandhi
नरेन्द्र मोदी vs इंदिरा गाँधी (Narendra Modi vs Indira Gandhi) — यह तुलना दो ऐतिहासिक और प्रभावशाली प्रधानमंत्रियों के बीच है, जिनकी नेतृत्व शैली, विचारधारा और उपलब्धियाँ भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। दोनों नेताओं ने अलग-अलग समय और परिस्थितियों में देश का नेतृत्व किया है। नीचे एक तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत है:
सामान्य जानकारी: Narendra Modi vs Indira Gandhi
पहलू
इंदिरा गांधी
नरेंद्र मोदी
कार्यकाल
1966–1977, 1980–1984
2014–वर्तमान (2025 तक)
राजनीतिक पार्टी
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
जन्म/मृत्यु
1917 – 1984
1950 – (सक्रिय)
उपाधि
“लौह महिला”
“विकासपुरुष”, “चाय वाला से PM”
Indira Gandhi
नेतृत्व शैली: Narendra Modi vs Indira Gandhi
पहलू
इंदिरा गांधी
नरेंद्र मोदी
नेतृत्व का तरीका
केंद्रीकृत, करिश्माई, मजबूत निर्णय
निर्णायक, रणनीतिक, मार्केटिंग-केंद्रित
विवादित निर्णय
आपातकाल (1975–77), प्रेस सेंसरशिप
CAA-NRC, नोटबंदी, कृषि कानून (2020)
निर्णायक कदम
बांग्लादेश का निर्माण (1971 युद्ध), बैंकों का राष्ट्रीयकरण
“सबका साथ, सबका विकास” से लगातार दो बार पूर्ण बहुमत
विपक्ष का हाल
कई बार विभाजित और कमजोर
विपक्ष अभी भी एकजुट नहीं हो पाया
आर्थिक नीति और विकास:
पहलू
इंदिरा गांधी
नरेंद्र मोदी
आर्थिक दृष्टिकोण
समाजवादी मॉडल, सार्वजनिक क्षेत्र को बढ़ावा
पूंजीवाद समर्थक, निजीकरण, स्टार्टअप, मेक इन इंडिया
प्रमुख योजनाएं
गरीबी हटाओ, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, ग्रीन रेवोल्यूशन
उज्ज्वला योजना, जनधन, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया
विदेश नीति और कूटनीति:
पहलू
इंदिरा गांधी
नरेंद्र मोदी
कूटनीतिक संबंध
गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रमुख नेता
एक्ट ईस्ट, क्वाड, वैश्विक मंच पर भारत की सशक्त उपस्थिति
प्रमुख घटना
1971 बांग्लादेश मुक्ति युद्ध
अमेरिका-भारत संबंध मजबूत, G20 अध्यक्षता
आलोचना और विवाद:
पहलू
इंदिरा गांधी
नरेंद्र मोदी
आलोचना का कारण
आपातकाल, लोकतंत्र पर हमला
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, ध्रुवीकरण की राजनीति
सबसे बड़ा विवाद
आपातकाल (1975–77)
नोटबंदी, CAA-NRC, पेगासस जासूसी मुद्दा
निष्कर्ष (Conclusion): Narendra Modi vs Indira Gandhi
इंदिरा गांधी एक शक्तिशाली, निर्णायक लेकिन विवादास्पद नेता थीं जिन्होंने भारत के लिए ऐतिहासिक सैन्य और सामाजिक निर्णय लिए, लेकिन आपातकाल उनके करियर पर एक बड़ा धब्बा बन गया।
नरेंद्र मोदी एक जन-आकर्षक नेता हैं जिन्होंने राष्ट्रवाद और विकास को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा। वे मीडिया और तकनीक का बेहतर उपयोग करते हैं, लेकिन ध्रुवीकरण और आलोचना का सामना भी करते हैं।
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