Navratri 2025 जानिए नवरात्रि में चमत्कारिक नवार्ण मंत्र करने के फायदे
Navratri 2025 नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है और यह जगत-जननी माँ अम्बा की आराधना का पर्व है। नवरात्रि में सबसे महान और चमत्कारिक नवार्ण मंत्र माना जाता है। देवी भागवत में बताया गया है कि नवार्ण मंत्र तुरंत फल देने वाला चमत्कारिक मंत्र है।
गुजरात के प्रसिद्ध ज्योतिषी चेतन पटेल ने बताया कि यह मंत्र यंत्र के रूप में प्रत्येक अंबाजी माता की छवि में होता है, लेकिन इस महान मंत्र का रहस्य बहुत कम लोग जानते हैं। इस मंत्र का महिमा अपार है। प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने भी इस नवार्ण मंत्र से जगत-जननी माँ अम्बा की आराधना कर माँ शक्ति को प्रसन्न किया था। इस साधना से मनोकामना के अनुसार शीघ्र फल की प्राप्ति होती है। इसी कारण नवार्ण मंत्र को श्रेष्ठ माना गया है।
Navratri 2025 नवार्ण मंत्र नौ अक्षरों से बना है, इसलिए इसका नाम “नवार्ण” पड़ा।
मंत्र:
👉 “ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे”
नवार्ण मंत्र की महिमा
देवी भागवत में उल्लेख है कि इस मंत्र के रचयिता स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। यह महान मंत्र तीन महादेवियों के महान बीज मंत्रों को मिलाकर बनाया गया है। इससे बने नवार्ण यंत्र को सरस्वती, लक्ष्मी और माँ काली की चेतना का स्वरूप माना जाता है।
नवार्ण यंत्र की स्थापना कर नवरात्रि में पूजन किया जाता है। इस यंत्र की आराधना करने वाले को सुख-शांति, आयुष्य, स्वास्थ्य, रक्षा, स्वर्ग, मोक्ष मार्ग, सत्ता, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही यह यंत्र साधक की मनोकामना भी पूर्ण करता है।
ज्योतिषी चेतन पटेल के अनुसार, नवार्ण मंत्र अनुष्ठान को शुभ मुहूर्त में शुरू करना चाहिए। घट स्थापना या कुंभ स्थापना के समय ही इस यंत्र की स्थापना करना उत्तम है।
Navratri 2025 अनुष्ठान विधि
- संकल्प लेकर नवरात्रि में उपवास करना।
- शुभ मुहूर्त में माँ जगदंबा का ध्यान कर उनका आह्वान करना और यंत्र की स्थापना करना।
- श्वेत कागज़ पर लाल शाही, कुमकुम या हल्दी से इस प्रकार यंत्र बनाना –
1 से 9 अंकों में नवार्ण मंत्र के नौ अक्षर (ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे) लिखकर बिछौने पर भक्ति भाव से स्थापित करना। - साथ में कलश और दीपक भी रखना।
- प्रसाद (फल, सूखे मेवे) अर्पित करना।
- थाली आरती करके माँ अम्बा का भक्ति भाव से पूजन करना।
- इस मंत्र की प्रतिदिन 3, 6 या 9 माला जप करनी चाहिए।
- नवार्ण यंत्र के सामने बैठकर नौ दिन तक नियमपूर्वक मंत्र का जप करना।
- जप करते समय जो अक्षर बोलें, उस अक्षर के खाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
यह पूजा नवरात्रि के नौ दिनों में रात्रि समय करनी चाहिए।
नवार्ण यंत्र का प्रभाव
नवरात्रि के नौ दिन पूजन और साधना पूर्ण करने के बाद इस यंत्र को फ्रेम में मढ़वाकर घर, ऑफिस या व्यापार स्थल पर नियमित धूप-दीप करने से पूरे वर्ष सुख-समृद्धि मिलती है और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
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