Navratri में शक्ति मंत्रों से साधो मां का ध्यान, हर दुख होगा दूर और मिलेगा वरदान
Navratri 2025 में करें इन शक्ति मंत्रों की उपासना, माता शीघ्र प्रसन्न होकर देती हैं इच्छित फल
Navratri का अर्थ है असुरी शक्तियों पर देवी शक्ति की विजय का उत्सव। माँ दुर्गा, अंबिका, जगदंबा भगवती, चामुंडा-चंडिका जैसे अनेक नामों से हम जिनकी पूजा करते हैं, वही शक्ति की कृपा प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर है। नवरात्रि की उपासना तुरंत फल देती है। देवी भागवत में बताया गया है कि इस पावन समय में किसी भी सिद्ध मंत्र या यंत्र द्वारा उपासना करने से दुर्बल भाग्य भी प्रबल बन जाता है, आपत्तियों से रक्षा होती है और सर्व प्रकार का कल्याण होता है।
नवरात्रि का महत्व
प्राचीन काल से ही देवी भागवत में वर्णित इन महान मंत्रों के द्वारा माँ शक्ति को प्रसन्न किया जाता रहा है। ज्योतिषाचार्य चेतनभाई के अनुसार देवी भागवत में कहा गया है कि पृथ्वी पर जितने व्रत हैं, उनमें नवरात्रि व्रत सर्वोत्तम माना जाता है। नवरात्रि पूजन से धन-धान्य, संतान सुख, समृद्धि, आयुष्य, स्वास्थ्य, रक्षा, स्वर्ग, मोक्ष, विद्या, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
रामायण युद्ध के समय भगवान श्रीराम ने भी नवरात्रि व्रत किया था और माँ का आशीर्वाद प्राप्त किया था, तभी उनके हाथों दशहरे पर रावण का वध हुआ। इसलिए शुभ की इच्छा रखने वाले सभी लोगों को नवरात्रि में शक्ति की आराधना करनी चाहिए।
देवी भागवत में दुर्गा को प्रसन्न करना अत्यंत दुर्लभ बताया गया है, लेकिन नवरात्रि में इनके मंत्र और यंत्र साधना शीघ्र फलदायी होते हैं।
शक्ति बीज मंत्र प्रयोग
ऐं, ह्रीं, क्लीं
देवी भागवत के अनुसार संकट की घड़ी में देवताओं, ऋषियों और तपस्वियों ने केवल इन तीन बीज मंत्रों का नवरात्रि अनुष्ठान करके माँ को प्रसन्न किया था।
- ऐं (वागबीज): ज्ञान और बुद्धि के लिए, माँ सरस्वती का मंत्र।
- ह्रीं (मायाबीज): धन, ऐश्वर्य और समृद्धि के लिए, माँ लक्ष्मी का मंत्र।
- क्लीं (कामराज बीज): शक्ति, साहस और रक्षा के लिए, माँ काली का मंत्र।
नवरात्रि के दौरान साधक माँ का ध्यान कर नित्य पूजन करे और किसी भी कार्य हेतु संकल्प लेकर इनमें से किसी एक बीज मंत्र की प्रतिदिन 5 माला जप करे, साथ ही मन में निरंतर जप करते रहे तो उसकी इच्छा और मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
नवरात्रि में शक्ति मंत्रों का जाप, हर संकट से दिलाए निजात
🔹 शक्ति महामंत्र प्रयोग
(1) सर्व मंगला मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते॥
इस महामंत्र का नवरात्रि में 3 माला जप करने से किसी भी मंगली कार्य की संकल्पना निःसंदेह पूरी होती है।
(2) जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥
➡️ इस महामंत्र का प्रतिदिन 3 माला जप करने और मन में निरंतर स्मरण करने से साधक को भयावह आपत्तियों से रक्षा मिलती है, साहस की प्राप्ति होती है और अनेक मनोरथ पूर्ण होते हैं।
✅ इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में इन शक्ति मंत्रों की साधना करने से माँ दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को इच्छित फल प्रदान करती हैं।
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