Nepal Avalanche

Nepal Avalanche नेपाल के Mount Yalung Ri पर हिमस्खलन 7 की मौत, कई लापता — बचाव अभियान जारी

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Nepal Avalanche नेपाल के Mount Yalung Ri पर हिमस्खलन 7 की मौत, कई लापता — बचाव अभियान जारी

Nepal Avalanche नेपाल के माउंट यालुंग री बेस कैंप पर अचानक आई हिमस्खलन त्रासदी में 7 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 5 विदेशी पर्वतारोहियों व 2 नेपाली गाइड शामिल हैं। कई अन्य घायल हैं और तलाशी-मिशन अभी कठिन मौसम के कारण बाधित है।

यालुंग री बेस कैंप दुर्घटना

Nepal Avalanche नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में स्थित माउंट यालुंग री (लगभग 5,600 मीटर ऊँचाई) के बेस कैंप पर सोमवार को अचानक एक विनाशकारी हिमस्खलन हुआ। इस दुर्घटना में आधिकारिक रूप से 7 लोगों की जानें गईं — जिनमें 5 विदेशी पर्वतारोही और 2 नेपाली गाइड शामिल हैं।
उम्र, राष्ट्रीयता आदि का विवरण अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है क्योंकि कई मृतकों की पहचान होनी अभी बाकी है।

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Nepal Avalanche घटना का स्थान एवं परिस्थिति

घटना 4,900 मीटर की ऊँचाई पर बने बेस कैंप में हुई, जहाँ पर्वतारोहियों का समूह ठहरा हुआ था।
मौसम बिगड़ने के कारण वहां राहत-मिशन भी कठिन हो गया — हेलीकॉप्टर को खराब दृश्यता की वजह से अभियान रोकना पड़ा और पैदल एवं रस्सियों वाली टीमों को आगे बढ़ना पड़ा।

हिमस्खलन क्यों हुआ?

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में मौसम में बदलाव और बर्फ़ व हिम के जमाव-घिसाव की वजह से पर “ठहराव” कम था।
हिमस्खलन, अक्सर मोरेलिन बर्फ़ के अचानक खिसकने का परिणाम होती है, जो नीचे कैंप व ट्रेक मार्गों की ओर मलबा व बर्फ़ घसीट कर लाती है।
यालुंग री की चुनिंदा शिकायत यह थी कि यह पर्वत शुरुआत के लिए माना जाता है, लेकिन मौसम व ऊँचाई का जोखिम अभी भी बहुत बड़ा है।

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बचाव अभियान और चुनौतियाँ

  • बर्फ़-हवादार इलाके में रेस्क्यू दलों को पहुंचना बहुत कठिन है, रात में तापमान अत्यधिक गिर जाता है।
  • हेलीकॉप्टर को भ्रमित मौसम व कम दृश्यता की वजह से वापस जाना पड़ा।
  • स्थानीय पुलिस व आर्म्ड पुलिस फोर्स ने बताया कि आगे अभियान सुबह होते ही फिर जारी किया जाएगा।
  • घायलों को सबसे पहले प्राथमिक चिकित्सा दी गई और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें नीचे भेजने का इंतज़ाम हो रहा है।
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मानव-पक्ष और असर

इस तरह की दुर्घटना पहाड़ी-क्षेत्र की बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाती है। विदेशी पर्वतारोहियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाला यालुंग री इस हादसे ने कितनी ज़िंदगीयाँ प्रभावित की हैं, यह अभी सामने की बात है।
नेपाल के एक पर्वतगाइड ने कहा —

“हम अक्सर जानते हैं कि जोखिम है, पर इतनी जल्दी ऐसी घटना की उम्मीद नहीं होती…”

क्या यह अकेला मामला है?

नहीं। हिमालय में हाल-के वर्षों में हिमस्खलन और ग्लेशियर झील विस्फोट जैसी घटनाएँ बढ़ी हैं। जलवायु परिवर्तन, हिम पिघलाव व अस्थिर मौसम ऐसी घटनाओं को ज़्यादा बना रहे हैं।

नेपाल सरकार व पर्वतारोहण एजेंसियाँ इस हादसे के कारणों की समीक्षा करेंगी। यात्रा व एडवेंचर कंपनियों को जोखिम-उच्च इलाकों में सुरक्षा-मानदंड बढ़ाने की सलाह दी जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि बेहतरीन मौसम की जानकारी और रेड अलर्ट सिस्टम की ज़रूरत पहले से ज़्यादा महसूस होगी।


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