Nepal : नारी शक्ति का उदय! सुशीला कार्की ने संभाली नेपाल की अंतरिम सरकार की कमान
Nepal में राजनीतिक संकट के बीच सुशीला कार्की बनीं पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री, हिंसक प्रदर्शनों में 51 की मौत
Nepal में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़के ‘जेन-ज़ेड’ प्रदर्शनों के बाद गहरा राजनीतिक संकट पैदा हो गया। इस बीच देश को नई राह दिखाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को सौंपी गई है। वह नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं।
हिंसा के बाद केपी ओली ने छोड़ दिया प्रधानमंत्री पद
शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। उनके साथ कुलमान घीसिंग, ओम प्रकाश अर्याल और बालानंद शर्मा ने भी शपथ ली। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल अशोक राज और जेनरेशन-जी के नेता भी मौजूद रहे।
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ। राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से और कानून की पढ़ाई त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से की। वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं और अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए।
Nepal में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं
सोमवार को काठमांडू में संसद भवन पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला। पुलिस फायरिंग में 19 छात्रों समेत कम से कम 51 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक भारतीय नागरिक और तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, सिर्फ महाराजगंज स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में 36 शव रखे गए हैं। वहीं गुरुवार और शुक्रवार को देशभर से 17 शव और बरामद हुए। करीब 1,700 लोग घायल हुए, जिनमें 1,000 से अधिक को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।
प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और कई राजनीतिक दलों के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया। संसद भंग हो चुकी है और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है।
नेपाल में एक ओर राजनीतिक अस्थिरता और दूसरी ओर जनाक्रोश का सैलाब है। अब देखना होगा कि सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार हालात को काबू में ला पाती है या नहीं।
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