Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी का व्रत वास्तव में बहुत पवित्र माना जाता है! इस दिन जल का त्याग करना और भगवान विष्णु की पूजा करना व्रत के महत्वपूर्ण अंग हैं। इस व्रतका पालन श्रद्धा, भक्ति और संयम से करने से व्यक्ति का जीवन शांति और सौभाग्य प्राप्त करता है।
वर्ष 2025 की निर्जला एकादशी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को प्रमुख बिंदुओं में प्रस्तुत
निर्जला एकादशी 2025 की तिथि
- तारीख: 6 जून 2025, शुक्रवार
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 5 जून 2025 को रात 11:22 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 6 जून 2025 को रात 9:57 बजे
निर्जला एकादशी का महत्व
- सभी एकादशियों में श्रेष्ठ: यह एकादशी वर्ष की सभी 24 एकादशियों का पुण्य प्रदान करने वाली मानी जाती है।
- पूर्ण उपवास: इस दिन अन्न ही नहीं, जल तक का त्याग किया जाता है, hence the name “निर्जला” (बिना जल)।
- भीम एकादशी: इसे भीम एकादशी इसलिए कहते हैं क्योंकि महाभारत के पात्र भीमसेन ने इसी व्रत को करने का संकल्प लिया था।
- मोक्ष की प्राप्ति: शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- दान-पुण्य का महत्व: इस दिन दान देना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। जलपात्र, छाता, वस्त्र, अन्न आदि का दान अत्यंत शुभ होता है।
Nirjala Ekadashi 2025 : व्रत की विशेषताएँ
- व्रती को सूर्योदय से पूर्व स्नान करके संकल्प लेना चाहिए।
- दिनभर भगवान विष्णु की पूजा, भजन-कीर्तन और ध्यान किया जाता है।
- रात्रि जागरण कर श्री हरि का नाम-संकीर्तन करना लाभकारी होता है।
- द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण किया जाता है।
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