चंडीगढ़, 27 अप्रैलः राज्य भर में सेवानिवृत्त अध्यापकों को लाभ पहुंचाने वाले एक ऐतिहासिक फैसले में, पंजाब सरकार ने 7वें यूजीसी वेतनमान के अनुसार सरकारी कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में 1 जनवरी, 2016 से पहले सेवानिवृत्त अध्यापकों और अन्य अध्यापकों के लिए पेंशन और पारिवारिक पेंशन में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह संशोधन 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी होगा। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
विवरण का खुलासा करते हुए, पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि संशोधित पेंशन से लगभग 500 सेवानिवृत्त शिक्षण पेशेवरों को लाभ होगा, जिनमें 400 पेंशनभोगी और 100 पारिवारिक पेंशनभोगी शामिल हैं, जिनकी राशि 38.99 करोड़ रुपये होगी।
सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों
हरजोत सिंह बैंस ने इस बात पर जोर दिया कि 1 जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को संशोधित पेंशन का भुगतान किया जाएगा। जबकि, 1 अक्टूबर 2022 से जनवरी 2025 तक संशोधित पेंशन का बकाया चार बराबर तिमाही किस्तों में वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भुगतान 7 अप्रैल 2025 को जारी वित्त विभाग के पत्र में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पेंशन की गणना 1 जनवरी, 2016 को निर्धारित अनुमानित वेतन के 50 प्रतिशत के रूप में की जाएगी तथा पारिवारिक पेंशन उसी अनुमानित वेतन के 30 प्रतिशत के रूप में होगी।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा, ‘‘समाज के प्रति उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देते हुए हम अपने अध्यापक समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ हैं कि उन्हें उनके उचित लाभ मिलें।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार सभी कर्मचारियों और पेंशनरों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

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