Prajwal Revanna राजनीति से जेल तक: उम्रकैद पर टूटा प्रज्वल रेवन्ना का हौसला
2 अगस्त 2025 को, पूर्व सांसद और जनता दल (सेक्युलर) के नेता प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने एक 47–48 वर्षीय घरेलू सहायिका से बलात्कार के दोषसिद्धि के बाद उम्रकैद (life imprisonment) की सज़ा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उन पर कुल ₹10 लाख का जुर्माना लगाया है, जिसमें से लगभग ₹7 लाख पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाने का आदेश था।
यह फैसला भारतीय राजनीतिक और न्यायिक इतिहास में उल्लेखनीय माना जा रहा है, क्योंकि इसमें एक उच्च-शक्ति वाले राजनेता को उत्कृष्ट सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया गया और कड़ी सजा सुनाई गई। यह निर्णय न्याय प्रणाली की निष्पक्षता और अपराधियों को सत्ता के बावजूद जवाबदेह ठहराने की क्षमता को दर्शाता है।
Prajwal Revanna महत्वपूर्ण तथ्य:
- दोषसिद्धि की तारीख: 1 अगस्त 2025 (सजा सुनाए जाने से एक दिन पहले)
- सज़ा की घोषणा: 2 अगस्त 2025, विशेष कोर्ट, Bengaluru
- सजा: आजीवन कारावास
- जुर्माना: ₹10 लाख (जिसमें ₹7 लाख मुआवजा पीड़िता को)
सारांश तालिका:
विवरण | जानकारी |
---|---|
दोषसिद्धि की तारीख | 1 अगस्त 2025 |
सज़ा की घोषणा | 2 अगस्त 2025 |
सज़ा | आजीवन कारावास (life imprisonment) |
कुल जुर्माना | ₹10 लाख–₹11.5 लाख (₹7 लाख मुआवजा सहित) |
अदालत | विशेष अदालत (Special Court for elected representatives), Bengaluru |
पीड़िता की आयु | लगभग 47–48 वर्ष |
कोर्ट में भावुकता | प्रज्वल रेवन्ना फूट-फूटकर रो पड़े |
कोर्ट में भावुक प्रतिक्रिया
सज़ा सुनते ही प्रज्वल रेवन्ना कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़े, और कहा:
“मेरी एकमात्र गलती थी — राजनीति में बहुत तेजी से उभरना”
मामला और कानूनी आयाम
- केस विशेष रूप से एक 48 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ दुर्व्यवहार से जुड़ा है, जिसकी शिकायत 2021 में की गई थी। आरोप है कि उन्हें राजनेता ने दो बार बलात्कार किया और इसे मोबाइल पर रिकॉर्ड किया भी था।
- यह चार अलग-अलग आरोपों में से एक मामला है, अन्य तीन मामले अभी भी सुनवाई के अधीन हैं।
- आरोपी को आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत चार्ज किया गया था, जिसमें IPC की कई धाराएँ शामिल हैं जैसे धारा 376(2)(k/n), 354A, 354B, 354C, 506, 201 आदि। SIT द्वारा तैयार की गई चार्जशीट में 1,632 पन्ने, 113 गवाह और 180 दस्तावेज दर्ज थे।
यह फैसला न्याय प्रणाली के उस स्पष्ट संदेश को दर्शाता है कि सत्ता में होने पर भी अपराधियों को कानून से परे नहीं रहना चाहिए। इस प्रकार का निर्णय न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता और महिला सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है।
अतिरिक्त पुख्ता जानकारी
- यह पहला मामला है जिसमें चार दर्ज मामलों में से एक में सजा हुई। अन्य तीन के खिलाफ अब भी सुनवाई प्रक्रिया जारी है।
- केस की जांच एक विशेष जांच दल (SIT) ने की थी जिसमें हजारों पन्नों की चार्जशीट, वीडियो सबूत, गवाही और डिजिटल फोरेंसिक्स शामिल हैं।
- कुल चार मामलों में से अभी सिर्फ पहला दर्ज हुआ केस खारिज
Prajwal Revanna आरोप और कानूनी धाराएँ
- एक 47–48 वर्षीय घरेलू कामकाजी महिला ने 2021 में आरोप लगाया कि प्रज्वल ने उसके साथ तीन बार बलात्कार किया — दो बार खेत (Hassan में Gannikada farmhouse) में और एक बार बेंगलुरु आवास में।
- केस में चार अलग मामलों की शिकायतें हैं, लेकिन फिलहाल सिर्फ पहला मुकदमा अदालत के निर्णय में शामिल था।
- आरोपित धाराएँ: IPC 376(2)(n) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार), 376(2)(k) (पद के चलते नियंत्रण कर बलात्कार), 354A/B/C, 506, 201, और IT Act Section 66E (privacy violation)।
Prajwal Revanna सबूत और जांच प्रक्रिया
- SIT (विशेष जांच टीम) ने 2021 की लॉकडाउन अवधि में शिकायत दर्ज की थी और 2024 में चुनावी माहौल में यह मामला भारी विवादों के साथ सार्वजनिक हुआ।
- आरोप के सबूतों में शामिल रहे:
- वीडियो क्लिप्स, allegedly Revanna ने रिकॉर्ड किए थे और चुनाव से पहले फैल गए थे।
- वीडियो में केवल हाथ और जननांग दिखते थे—SIT ने Turkey और Japan के forensic अध्ययन के आधार पर मिलान की पुष्टि की। Body marks और आवाज़ मैच की गई।
- पीड़िता के कपड़ों से DNA मिला जो प्रज्वल से मैच करता था। कमरे की background details (tiles आदि) मेल खाईं।
- पीड़िता की दृढ़ गवाही—भले वे बार-बार टूट गईं, पर कोर्ट में बिना हिचकिचाहट अपना बयान दिया।
Table of Contents
Please Follow Our Youtube Page for subscribe : VR LIVE Channel