Project Rebirth” 2 सेकंड में एक्टिव, यात्रियों की जान सुरक्षित
Project Rebirth कुछ महीने पहले अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने दर्जनों ज़िंदगियाँ निगल लीं…
लेकिन अब, उसी हादसे से सबक लेकर इंजीनियर्स ने तैयार किया है एक अनोखा कॉन्सेप्ट
क्या अब हवाई जहाज़ कभी क्रैश नहीं होंगे? इंजीनियर्स लेकर आए हैं एक ऐसा कॉन्सेप्ट… जो सुनने में किसी साइंस फिक्शन मूवी जैसा लगता है।
इस नई टेक्नोलॉजी को कहते हैं एयरक्राफ्ट सेफ्टी कैप्सूल, या फिर आसान शब्दों में – ‘कवच’।
अगर फ्लाइट में अचानक इमरजेंसी हो… तो सिर्फ 2 सेकेंड से भी कम समय में, पूरा कैप्सूल अलग होकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचा सकता है।”
जैसे ही प्लेन को कोई बड़ा खतरा होता है, ये कवच पैराशूट और रॉकेट बूस्टर्स के साथ एक्टिवेट हो जाता है। यानी इंजन फेल हो या प्लेन फायर में हो, यात्री सुरक्षित रहेंगे। इंजीनियर्स का दावा है – ये कॉन्सेप्ट एविएशन सेक्टर में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। हालांकि सवाल अभी भी बड़े हैं – क्या यह टेक्नोलॉजी हर एयरलाइन अफोर्ड कर पाएगी?
दुबई के बिट्स पिलानी से जुड़े दो इंजीनियर्स – एशेल वसीम और धरसन श्रीनिवासन –
ने इस क्रांतिकारी सिस्टम को डिज़ाइन किया है।
पारंपरिक सुरक्षा उपायों से अलग, ये तकनीक यात्रियों को क्रैश से भी बचाने का वादा करती है।
इसी वजह से ‘प्रोजेक्ट रीबर्थ’ को जेम्स डायसन अवॉर्ड के लिए फाइनल लिस्ट में शामिल किया गया है।
विजेता की घोषणा 5 नवंबर को होगी।
क्या इतना बड़ा कवच रियलिटी में संभव है?
इस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है कि यह ऊँचाई, गति, दिशा, आग लगने की स्थिति और पायलट की प्रतिक्रिया पर लगातार नज़र रखता है। अगर 3000 फीट से कम ऊँचाई पर खतरा टलना असंभव लगे… तो ये सिस्टम अपने आप एक्टिव हो जाता है।”
सिर्फ 2 सेकेंड से भी कम समय में, विमान के अगले, बीच और पिछले हिस्से से विशाल एयरबैग्स बाहर आ जाते हैं। ये लेयर्ड क्लोथ से बने ‘कवच’ विमान को चारों तरफ से ढक लेते हैं… और यात्रियों की जान को सुरक्षित रखते हैं।”
दुबई के BITS पिलानी के इंजीनियर्स ने बनाया ऐसा सिस्टम, जो 2 सेकंड से भी कम में विमान को ढक लेगा ‘कवच’ से। अब हवाई सफर और भी सुरक्षित!