“Rahu Vakri 2025: धर्म की कसौटी पर आस्था की परीक्षा, जानें कब तक रहेगा राहु का प्रकोप और क्या होंगे नए संकेत”
Rahu Vakri 2025 होने का धार्मिक दृष्टि से प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु जब वक्री (Retrograde) होते हैं, तब उनके प्रभाव और भी प्रबल हो जाते हैं। धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से यह समय कई बदलाव लेकर आता है।
Rahu Vakri 2025 धार्मिक दृष्टि से नए परिवर्तन:
- कर्मों का फल तीव्रता से मिलेगा
- राहु वक्री होने पर अच्छे और बुरे कर्मों का फल जल्दी मिलना शुरू हो जाता है।
- छुपे हुए कर्म या अधूरे कार्य सामने आ सकते हैं।
- माया और मोह की परीक्षा
- यह काल इंसान को भटकाने वाला भी हो सकता है।
- धर्मग्रंथों के अनुसार राहु मोह-माया, भ्रम और छल से जुड़े हैं, इसलिए साधक को इस समय सत्संग, ध्यान और मंत्रजाप पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
- आध्यात्मिक उन्नति का अवसर
- वक्री राहु इंसान को भीतर झाँकने का अवसर देते हैं।
- साधना, तप और भक्ति से व्यक्ति नकारात्मक प्रभावों से बच सकता है और अपनी आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ा सकता है।
- परीक्षा का समय
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह काल इंसान की आस्था और संयम की परीक्षा लेता है।
- जो व्यक्ति धर्म मार्ग पर स्थिर रहता है, उसके लिए राहु वक्री वरदान साबित हो सकते हैं।
- मंत्र और पूजा का महत्व
- राहु बीज मंत्र (“ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”) का जाप करना शुभ माना जाता है।
- शनिवार और राहु काल में पूजा, तिल का दान और हनुमान जी की आराधना विशेष फल देती है।
Rahu Vakri 2025 कब से कब तक रहेगा राहू का प्रकोप ??
राहु हमेशा ज्योतिषीय गणना के अनुसार वक्री गति से चलते हैं और लगभग 18 महीने (1.5 साल) तक एक राशि में रहते हैं। इसलिए राहु का प्रभाव या “प्रकोप” उनकी राशि परिवर्तन (गोचर) से जुड़ा होता है।
Rahu Vakri 2025 वर्तमान स्थिति (2025 के अनुसार)
- राहु अभी मीन राशि में गोचर कर रहे हैं।
- यह गोचर 30 अक्टूबर 2023 से 18 मई 2025 तक रहेगा।
- इसके बाद राहु कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और वहाँ 18 मई 2025 से 12 दिसंबर 2026 तक रहेंगे।
राहु के “प्रकोप काल” को ऐसे समझें:
- जब राहु अशुभ भाव (जैसे 6th, 8th, 12th) में रहते हैं, तब यह प्रकोप/कष्टकारी प्रभाव देते हैं।
- राहु वक्री रहने पर उनके परिणाम दोगुने प्रबल हो जाते हैं – यानी शुभ भी अधिक, अशुभ भी अधिक।
- राहु का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में उनकी स्थिति और दशा–महादशा के अनुसार तय होता है।
सरल शब्दों में, राहु का मौजूदा प्रकोप 18 मई 2025 तक मीन राशि वालों और जिनकी कुंडली में मीन से राहु के अशुभ स्थान बनते हैं, उन पर अधिक रहेगा। इसके बाद यह प्रभाव कुंभ राशि पर केंद्रित होगा।
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