Rakshabandhan”रक्षाबंधन 2025: किस देवता की पूजा से बढ़ेगी रक्षा और बरसेगा आशीर्वाद”
Rakshabandhan रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के स्नेह का त्योहार नहीं, बल्कि इसमें धार्मिक आस्था और विशेष पूजा का भी महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा का प्रचलन है, साथ ही माता लक्ष्मी की आराधना भी कई परंपराओं में की जाती है।
Rakshabandhan किस भगवान की होती है पूजा?
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी –
पुराणों के अनुसार, रक्षाबंधन की परंपरा का एक प्रमुख प्रसंग देवी लक्ष्मी और बलि राजा से जुड़ा है। इस दिन विष्णु भगवान को रक्षा सूत्र बांधकर उनके आशीर्वाद से भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। - भगवान श्रीकृष्ण –
महाभारत काल की कथा के अनुसार, जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर बांध दिया था। उस दिन से रक्षा बंधन की भावना का जन्म माना जाता है। इसलिए कई घरों में इस दिन कृष्ण की पूजा होती है। - गणेश जी और उनके पुत्र शुभ-लाभ –
कई परिवारों में गणेश जी को भी इस दिन पूजा जाता है, ताकि जीवन में विघ्न दूर हों और रिश्तों में प्रेम बना रहे।
Rakshabandhan पर पूजा का प्रभाव
- भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा – रक्षा सूत्र बांधने से भाई को बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
- संपन्नता और सौभाग्य – लक्ष्मी पूजा करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- रिश्तों में मजबूती – श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा यह संदेश देती है कि रक्षा का बंधन केवल खून के रिश्तों तक सीमित नहीं।
2025 में रक्षाबंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष का पंचांग क्या कहता है?
उदयकाल तिथि के अनुसार: रक्षा बंधन का पर्व 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।
पूर्णिमा तिथि शुरू होगी: 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी: 9 अगस्त को दोपहर 1:21 बजे
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