Rama Ekadashi Vrat 2025: इस विधि से करें भगवान नारायण की पूजा, जानें पारण समय और दीपक जलाने के शुभ स्थान
Rama Ekadashi Vrat 2025 पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। जानिए इस दिन की पूजा विधि, व्रत का महत्व, पारण का शुभ समय और दीपक जलाने का पवित्र स्थान।
रमा एकादशी व्रत 2025: विधि, मुहूर्त और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि आती है।

रमा एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त Rama Ekadashi Vrat 2025
- रमा एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025, शनिवार रात 10:12 बजे
- तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025, रविवार रात 08:47 बजे
- व्रत रखने की तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (रविवार)
- पारण का समय: 21 अक्टूबर 2025, प्रातः 06:30 बजे से 08:45 बजे तक
(पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है)
रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- संकल्प: भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें — “मैं आज रमा एकादशी व्रत का पालन करूंगा।”
- पूजन स्थान तैयार करें: पूजन के लिए स्वच्छ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीपक जलाना (Auspicious Place for Lamp):
- घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- मंदिर या तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना भी पुण्यदायी होता है।
- पूजा सामग्री: तुलसी पत्ते, पीले पुष्प, धूप, दीपक, चंदन, नैवेद्य, पंचामृत आदि से भगवान विष्णु का पूजन करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम पाठ: इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना शुभ फल देता है।
- भोजन नियम: व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन अन्न, दाल, चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल फलाहार करें।
- रात्रि जागरण: भगवान विष्णु की आरती कर रात में भजन-कीर्तन करें।
रमा एकादशी का धार्मिक महत्व (Significance of Rama Ekadashi)
पुराणों के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि यह व्रत धन, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन व्रत करता है, उसके जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
रमा एकादशी पारण विधि (Rama Ekadashi Parana Vidhi)
व्रत रखने वाले व्यक्ति को द्वादशी तिथि (अगले दिन) सूर्योदय के बाद पारण करना चाहिए।
- भगवान विष्णु को जल, पुष्प और तुलसी अर्पित करें।
- व्रत का संकल्प पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
- दान-पुण्य करें — विशेषकर अन्न, वस्त्र या दीपदान।
- फलाहार या सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
रमा एकादशी पर दीपदान का महत्व Rama Ekadashi Vrat 2025
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से पाप नष्ट होते हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
दीपक जलाते समय यह मंत्र बोले —
“दीपं देहि जगन्नाथ त्रैलोक्य तिमिरापहं।”
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