Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti: जानिए क्यों हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है ‘राष्ट्र एकता दिवस’
Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti: 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जयंती पर मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस। जानिए लौहपुरुष पटेल की वो उपलब्धियाँ जिन्होंने भारत को एक सूत्र में पिरोया। भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर देशभर में मनाया जाएगा राष्ट्रीय एकता दिवस। जानिए क्यों पटेल का योगदान आज भी देश की एकता की पहचान बना हुआ है।
हर साल 31 अक्टूबर को भारत में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ (Rashtriya Ekta Diwas) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को समर्पित है — वह महान नेता जिन्होंने आज़ाद भारत को एकजुट राष्ट्र के रूप में गढ़ने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। सरदार पटेल को भारत की एकता, अखंडता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जाता है।
स्वतंत्र भारत के शिल्पकार

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। वे एक वकील, स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री रहे। अंग्रेजों के खिलाफ़ सत्याग्रह और असहयोग आंदोलनों में उन्होंने महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही — देश की 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को एक अखंड राष्ट्र बनाना।
आज़ादी के बाद जब देश रियासतों में बँटा हुआ था, तब कई नवाब और राजा भारत में शामिल होने से हिचकिचा रहे थे। ऐसे समय में पटेल ने अपनी राजनीतिक बुद्धिमत्ता, दृढ़ इच्छा शक्ति और कूटनीति से लगभग सभी रियासतों को भारत में विलय करने में सफलता प्राप्त की। इसीलिए उन्हें “भारत का लौहपुरुष” (Iron Man of India) कहा गया।
Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस?
सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य देश के नागरिकों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा के महत्व को दोहराना है।
इस दिन पूरे देश में एकता दौड़ (Run for Unity), रैलियाँ, भाषण, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में लोग “मैं भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करता हूँ” की शपथ लेते हैं।

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ – श्रद्धांजलि का प्रतीक
2018 में गुजरात के केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया गया, जो सरदार पटेल की स्मृति में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा है।
182 मीटर ऊँची यह प्रतिमा न सिर्फ़ सरदार पटेल के योगदान को सम्मान देती है, बल्कि भारत की एकता और दृढ़ता का प्रतीक भी है। हर साल लाखों लोग यहां आकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
आज के भारत में पटेल का महत्व Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti
वर्तमान समय में जब क्षेत्रीय, भाषाई और सामाजिक विविधताएँ बढ़ रही हैं, सरदार पटेल के विचार और उनकी एकता की भावना पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा था —
“हमारा देश केवल तभी महान बनेगा जब हम सब एक रहेंगे, एक सोचेंगे और एक दिशा में आगे बढ़ेंगे।”
उनका यह संदेश आज भी भारत के हर नागरिक को जोड़ने की प्रेरणा देता है।
सरदार वल्लभभाई पटेल केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे भारत के “संघर्ष और समरसता” के प्रतीक थे। उनकी जयंती हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्रता की असली शक्ति एकता और अनुशासन में निहित है।
31 अक्टूबर का दिन इसलिए विशेष है क्योंकि यह हमें यह सिखाता है —
“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” केवल एक नारा नहीं, बल्कि सरदार पटेल की विरासत है।
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