Shefali Jariwala News : शेफाली जरीवाला की मौत क्या रीजन हो शकता है ? “कांटा लगा गर्ल” उस गाने से फेमस हुई और सबके दिलों पर राज करने वाली शेफाली जरीवाला अब हमारे बीच नहीं रही 42 की उम्र में कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हुआ।
Shefali Jariwala News कैसे हुआ शेफाली का निधन?
रिपोर्ट्स की मानें तो शेफाली को कार्डियक अरेस्ट आया था, जिसके बाद उनके पति और एक्टर पराग त्यागी उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गए थे। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहेले ही निधन हो चूका था। डोक्टरने मृत घोषित कर दिया।
Shefali Jariwala News : क्या ये साइलेंट हार्ट अटैक हो सकता है ?
साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है?
साइलेंट हार्ट अटैक यानी मूक हृदयाघात वह स्थिति है जिसमें दिल का दौरा पड़ता है लेकिन इसके लक्षण इतने हल्के या सामान्य होते हैं कि मरीज को पता भी नहीं चलता। ये अक्सर तब पकड़ में आता है जब ECG या ईको टेस्ट में पुराना डैमेज दिखता है।

लक्षण पहचानें (Symptoms to Watch)
ध्यान रखें: लक्षण बहुत subtle यानी हल्के हो सकते हैं।
संभावित लक्षण | विवरण |
---|---|
हल्का सीने में दबाव या भारीपन | दर्द नहीं, पर अजीब सा दबाव या जकड़न |
थकान | मामूली काम में भी थकावट महसूस होना |
सांस फूलना | बिना ज्यादा मेहनत के ही सांस फूलना |
जी मिचलाना या पेट में जलन | इसे लोग अक्सर एसिडिटी समझ बैठते हैं |
पीठ, जबड़ा, कंधे या बाएं हाथ में दर्द | स्थायी नहीं होता, आता-जाता है |
ठंडा पसीना | बिना गर्मी या exertion के |
चक्कर आना | या सिर हल्का लगना |
किन लोगों को ज़्यादा खतरा होता है?
जोखिम कारक | विवरण |
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डायबिटीज़ | सुन्नता के कारण लक्षण महसूस नहीं होते |
हाई ब्लड प्रेशर | धमनियों पर दबाव बढ़ता है |
मोटापा | हृदय पर बोझ |
स्मोकिंग | धमनियों को संकुचित करता है |
हाई कोलेस्ट्रॉल | ब्लॉकेज बढ़ाता है |
स्ट्रेस | दिल पर नकारात्मक प्रभाव |
पारिवारिक इतिहास | अगर परिवार में किसी को हार्ट प्रॉब्लम रही है |
बचाव (Prevention Tips)
✅ नियमित स्वास्थ्य जांच:
- साल में 1 बार ECG, लिपिड प्रोफाइल, शुगर टेस्ट
- अगर डायबिटिक हैं तो और भी सतर्क रहें
✅ संतुलित आहार:
- कम नमक, कम वसा, ज्यादा फाइबर
- हरी सब्जियां, फल, ओट्स, नट्स आदि
✅ व्यायाम करें:
- रोजाना 30 मिनट चलना या योग
- वजन नियंत्रित रखें
✅ तनाव कम करें:
- ध्यान (meditation), पर्याप्त नींद
- समय पर ब्रेक लें
✅ धूम्रपान और शराब से दूरी
जांच कैसे कराएं?
जांच का नाम | क्यों ज़रूरी है |
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ECG | दिल की धड़कनों में गड़बड़ी पता चलती है |
ईकोकार्डियोग्राम | दिल के पंपिंग कार्य का निरीक्षण |
स्ट्रेस टेस्ट | एक्सरसाइज के दौरान हृदय की प्रतिक्रिया |
लिपिड प्रोफाइल | कोलेस्ट्रॉल लेवल |
HbA1C / Fasting Sugar | डायबिटीज़ की जानकारी के लिए |
साइलेंट हार्ट अटैक के बाद क्या करें?
- तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें
- ब्लड थिनर और अन्य दवाएं समय पर लें
- जीवनशैली में सुधार करें
- नियमित फॉलो-अप
याद रखें: “दिल की बीमारी हमेशा दर्द के साथ नहीं आती — इसलिए अगर शरीर कुछ ‘अलग’ महसूस कर रहा है, तो उसे नजरअंदाज न करें।”
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