Uttarakhand : सात वर्षीय नन्ही परी मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी सरकार
Uttarakhand 18 सितम्बर 2025, देहरादून सात वर्षीय नन्ही परी मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।
सात वर्षीय बच्ची नन्ही परी के साथ हुई दरिंदगी के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और मामले में मजबूत पैरवी के लिए निर्देश दिये।
Uttarakhand सीएम का बयान:
- “देवभूमि में बेटियों के साथ दरिंदगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
- सरकार लगातार प्रदेश में सत्यापन अभियान चला रही है ताकि असामाजिक तत्वों की पहचान हो सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न्याय विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में मजबूत पैरवी की जाए, ताकि आरोपित को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जा सके।
यह मामला साल 2014 का है, जब उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली सात वर्षीय मासूम बच्ची नन्ही परी के साथ काठगोदाम में दरिंदगी हुई थी। लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई थी, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से वह दोषमुक्त हो गया।
इसी फैसले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि में इस तरह के कुकृत्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और इसके लिए सर्वश्रेष्ठ लीगल टीम को लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में असामाजिक तत्वों की पहचान के लिए लगातार सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है और बेटियों की अस्मिता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।
सरकार की पहल:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दाखिल करेगी। साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया है कि सबसे अच्छी लीगल टीम लगाई जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
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